आत्माराम/सरवन/कमलेश और संगीता की रिपोर्ट
लखनऊ। पूर्वांचल के दो जिले लॉकडाउन में शामिल होने की वजह से लोगों को अब अपने घरों में आगामी 25 मार्च तक रहना होगा। प्रशासन के अनुसार सब्जी, फल, राशन आदि की दुकानों को थोड़ी सहूलियत दी जाएगी। पुलिस और प्रशासन अधिक लोगों का जमावड़ा भी रोकेगा।
ये हैं 16 जिले
लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, सहारनपुर, मेरठ, आजमगढ़, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत।
इन जिलों की समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर लॉकडाउन आगे बढ़ाया जाएगा। दूसरे चरण में कुछ और जिलों में भी लॉक डाउन किया जा सकता है। नेपाल से सटे यूपी के जिलों में खास सतर्कता बरती जा रही है। सीएम ने लॉकडाउन वाले जिलों के डीएम व कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए वे प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समय-समय पर स्थिति का आंकलन कर आवश्यक सेवाओं को परिभाषित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, नगर आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, खंड विकास अधिकारी एवं कार्यकारी मजिस्ट्रेट को अपने क्षेत्र में निर्देशों का प्रत्येक दशा में कठोरतापूर्वक अनुपालन कराना होगा। इन अधिकारियों द्वारा मांगे जाने पर पुलिस उपलब्ध करायी जाएगी। इस संबंध में पहले से जारी आदेश प्रभावी रहेंगे। भ्रम की स्थिति में राज्य सरकार आवश्यक निर्देश, स्पष्टीकरण जारी करेगी। आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। आदेशों की अवहेलना की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के तहत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान शहर की सीमाएं पूरी तरह से सील रहेंगी और आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इस आशय की जानकारी वायरल होने के बाद लोगों में चिंता तो रही मगर प्रशासन की इस पहल का स्वागत भी किया।
आवश्यक सेवाओं को छोड़कर समस्त सरकारी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, अर्द्धसरकारी उपक्रम, स्वायत्तशासी संस्थाएं, राजकीय निगम व मंडल, समस्त व्यापारी प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय, मॉल्स, दुकानें, फैक्ट्रियां, वर्कशाप, गोदाम एवं सार्वजनिक परिवहन (रोडवेज, सिटी परिवहन, प्राइवेट बसें, टैक्सी, ऑटो रिक्शा आदि) पूर्णतया बंद रहेंगे।
इन पर प्रतिबंध नहीं
स्वास्थ्य सेवाएं, दवा की दुकान, चिकित्सकीय उपकरण, सामग्री एवं दवाइयों की निर्माण इकाइयां।
फल/सब्जी/दूध/डेरी/किराना/पेयजल। आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन, खाद्य सामग्री, कृषि उत्पाद एवं उनसे संबंधित निर्माण इकाइयां एवं उनके थोक एवं फुटकर विक्रेता।
डाक सेवाएं, बैंक, एटीएम, बीमा कंपनियां, ई-कॉमर्स (खाद्य वस्तु, होम डिलीवरी, ग्रॉसरी)।
पुलिस/सशस्त्र बल एवं अर्द्धसैन्य बल, जिला प्रशासन, बिजली के दफ्तर व बिलिंग सेंटर।
पेट्रोल पंप, एलपीजी गैस, ऑयल एजेंसी (इनसे संबंधित गोदाम एवं परिवहन के साधन)।
प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया।
राज्य संपत्ति विभाग, सूचना, जनसंपर्क एवं सूचना प्रौद्योगिकी, अग्नि शमन एवं सिविल डिफेंस, आपात कालीन सेवाएं, टेलीफोन, इंटरनेट, डेटा सेंटर, नेटवर्क सर्विसेज, आईटी से जुड़ी और संबंधित सेवाएं।
पशु चिकित्सा एवं पशु आहार से संबंधित इकाइयां एवं विक्रेता।
सरकारी दफ्तरों में आम लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध
परिवहन पर रहेगी पूर्ण पाबंदी
इस अवधि में समस्त प्रकार के सार्वजनिक परिवहन, रोडवेज, सिटी ट्रांसपोर्ट, प्राइवेट बसें, टैक्सियां, ऑटो रिक्शा के अंतरराज्यीय (इंटर स्टेट), अंतर्राज्यीय (इंट्रा स्टेट) संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। हालांकि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन से घर के लिए सीमित संख्या में जिला प्रशासन द्वारा अधिकृत सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध रहेंगे। सामग्री आपूर्ति वाले वाहन, चीनी मीलों के गन्ना ढुलाई करने वाले वाहन सहित, प्रतिबंध से मुक्त रहेगे। आकस्मिक स्थित में अस्पताल जाने के लिए निजी वाहन का प्रयोग किया जा सकेगा।
आपात स्थिति में परिवहन के लिए जारी होगा परमिट
बंद के दौरान आपात स्थिति में आवश्यकतानुसार परिवहन साधनों को परमिट जारी करने के लिए मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, गृह, प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा संबंधित जनपद के जिला कलेक्टर, पुलिस आयुक्त अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी ही अधिकृत होंगे। आमजन को सूचना एवं सुविधा हेतु जिले के नियंत्रण कक्ष एवं संबंधित अधिकारियों के संपर्क नंबर प्रकाशित किए जाएंगे।
धरना, गोष्ठी, साप्ताहिक बाजार पर रोक
पांच से अधिक व्यक्तियों को सार्वजनिक स्थल पर एक साथ इकठ्ठे होने की पूर्णत: मनाही रहेगी। किसी भी सामाजिक, सास्कृतिक, राजनीतिक, धार्मिक, शैक्षणिक, खेल, संगोष्ठी, सम्मेलन, धरना आदि का आयोजन निषिद्ध रहेगा। साप्ताहिक बाजारो का आयोजन, प्रदर्शनियां आदि पर रोक नहेगी।
किसी सेवा के संबंध में भ्रम होने पर निर्णय लेने का अधिकार संबंधित जिले के जनपद के जिला मजिस्ट्रेट को होगा। आदेशों की अवहेलना की स्थिति में दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।