शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ। लोकतंत्र के पर्व यानि उपचुनाव का यह पहला मौका था, वह भी एक दो नहीं पूरे सात विधानसभा क्षेत्रों में…महामारी के संक्रमण का खतरा भी वोटरों के उत्साह को रोक नहीं सका। मंगलवार को हुए उपचुनाव के मतदान में 50 फीसदी से कहीं भी कम वोट नहीं पड़े। सबसे अधिक 61.50 प्रतिशत मतदान अमरोहा जिले की नौगंवा सादात सीट पर हुआ। वर्ष 2017 के आम विस चुनाव में भी यहां 76.15 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2017 के आम चुनाव में हालात पूरी तरह सामान्य थे, न कोई महामारी और न ही कोई अन्य संकट उस दौरान इन सातों विस सीटों पर 60 से 76 फीसदी के बीच मतदान हुआ था।
इस बार राजनीतिक दलों, चुनाव मशीनरी सभी को आशंका थी कि कोरोना संक्रमण के चलते इन सीटों पर मतदान कम होगा। यह भी तर्क दिया जा रहा था कि उपचुनाव को आम वोटर बहुत गंभीरता से नहीं लेते। मगर वोटरों के उत्साह ने इन सबके बावजूद मतदान का प्रतिशत पचास से नीचे तो नहीं ही जाने दिया। हालांकि अमरोहा में कोरोना का संक्रमण भी तुलनात्मक रूप से काफी कम है। मंगलवार को वहां सिर्फ 12 कोरोना पाजिटव मरीज मिले। इसी तरह देवरिया में भी महज 10 कोरोना पाजिटिव मिले और वहां मतदान 51 फीसदी हुआ।
बुलंदशहर में नए कोरोना मरीजों की तादाद 31 रही और वहां मतदान प्रतिशत 52 प्रतिशत रहा। जौनपुर व उन्नाव में भी कोरोना के नए मरीजों की संख्या क्रमश: 10-10 ही रही और इन दोनों जिलों की विस सीटों पर 50 फीसदी के ऊपर ही रहा। यह भी एक तथ्य सामने आया कि बुलंदशहर, देवरिया, टूण्डला, घाटमपुर सीटों पर शहरियों का उत्साह भी मतदान के लिए बराबर बना रहा।