शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एसटीएफ की मदद से बाइक बोट घोटाले में 50 हजार रुपये के इनामी आरोपी ललित कुमार को मंगलवार को ग्रेटर नोएडा में शिव नाडर विश्वविद्यालय के करीब से गिरफ्तार कर लिया है। ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह ने बताया कि ललित कुमार फरवरी में मेरठ, नोएडा, दिल्ली व बुलंदशहर में छिप कर रह रहा था।
ईओडब्ल्यू और एसटीएफ से पूछताछ में ललित कुमार ने बताया है कि उसने सुनियोजित तरीके से वर्ष 2018 में जानबूझ कर अपने नाम से 32 बाइक खरीदीं। ईओडब्ल्यू के डीजी ने बताया कि 32 बाइक बोट खरीदने पर उसे प्रतिमाह 3.12 लाख रिटर्न प्राप्त होने लगा। इससे आसपास के गांवों में चर्चा फैल गई कि यह स्कीम लाभकारी है। इसके बाद ललित कुमार ने संजय भाटी के साथ मिलकर एक सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र कर 3 करोड़ रुपये का प्रारंभिक टारगेट रखा। इसके लिए एक फार्च्यूनर गाड़ी खरीदी गई। जिससे आम लोगों में यह भ्रम फैल गया कि इस प्रकार वे भी पैसा कमा सकते हैं।
ईओडब्ल्यू की विवेचना में सामने आया है कि साजिश के तहत ही नोएडा के एक प्रतिष्ठित होटल में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम रखा गया। इसी कार्यक्रम में संजय भाटी के जरिए एक फार्च्यूनर गाड़ी खुद को गिफ्ट कराई गई। कंपनी में जब बहुत अधिक संख्या में लोग जुटने लगे तो कंपनी ने पैसा देना बंद कर दिया। इनाम घोषित होने पर नोएडा पुलिस ने भी इसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी थी लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी केवल फार्च्युनर बरामद हुई थी। इसके बाद नोएडा पुलिस ने ललित के ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।