शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ: लखनऊ यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाली छात्रा ने तड़के पौने पांच बजे एसडीएम को फ़ोन कर मदद की गुहार लगाई थी. छात्रा ने एसडीएम से कहा ‘ मैम मेरे पिता एक्सपायर हो गए है, प्लीज मुझे घर पंहुचा दीजिये’ ।
यह गुहार लॉक डाउन में अपने घर से करीब 300किलोमीटर दूर फंसी एक छात्रा ने एसडीएम रोशनी यादव से लगाई ।
गुहार सुनते ही एसडीएम ने पूरा बंदोबस्त कर छात्रा को उसके घर पंहुचाया, जिसके बाद वह अपने पिता की अंतिम दर्शन कर पाई।
एक बेटी ने समझा दूसरी बेटी का दर्द । पेस की दर्द मे महरम लगाने मिशाल। कोरोना वायरस के दौरान हुए लॉकडाउन में जहां एक ओर पुलिस रोज़मर्रा की ज़रूरतों का ख्याल रखने में जुटी हैं, तो दुसरी ओर दर्द में भी मरहम लगाने की मिशाल पेश कर रही है.
एक ऐसा ही मामला सामने आया एक एसडीएम ने ऑफ डयूटी रहते हुए भी बता दिया कि फ़र्ज़ और इंसानियत सबसे ऊपर है.
महराजगंज की रहने वाली है छात्रा
महराजगंज निवासी अन्नपूर्णा लखनऊ यूनिवर्सिटी में पीजी प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. वह यहां पीजी में रहकर पढ़ाई करती है।
लॉक डाउन के चलते अन्य लोगों की तरह वह भी अपने परिवार से दूर फंसी हुई थी. उसके परीचित ने पिता की मौत की सूचना दी घर पर सम्पर्क नहीं मिल सका. उसने अपने साथियों से सहायता मांगी ।
एक दोस्त ने कलेक्ट्रेट परिसर से सम्बद्ध एसडीएम रोशनी यादव का नम्बर दिया तड़के पांच बजे ही एसडीएम रोशनी के पास लगातार फ़ोन आने शुरू हो गए फोन पर अन्नपूर्णा की समस्या सुनते ही उन्होंने मदद की एसडीएम ने अन्नपूर्णा का ऑनलाइन पास बनवाया और घर पंहुचने के लिये गाड़ी की भी व्यवस्था की जिससे वह अपने घर पंहुच कर पिता को अंतिम विदाई दी सकी।
सुबह पांच बजे दी अन्नपूर्णा ने जानकारी
एसडीएम रोशनी यादव ने बताया मुझे सुबह प्राइवेट नंबर पे कॉल आया । अन्नपूर्णा ने अपने पिता की मौत की सूचना देकर मदद के लिए गुहार लगाई।
चूंकि लॉक डाउन में शहर की सारी सीमाएं सील हैं, ऐसे में बिना गाडी पास के उसका घर पंहुचना मुश्किल था । मुझसे जो मदद हो सकी वो मैंने की वही अन्नपूर्णा के दोस्त पंकज का कहना है कि उनके साथियो ने एसडीएम रोशनी यादव का नंबर दिया उन्होंने इस मुश्किल घडी में अन्नपूर्णा की मदद की और उसे अपने पिता की अंतिम दर्शन में पंहुचने में सहयोग किया।