शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ-राजधानी में जाम की समस्या आम बात है। और कैसे लगता है आपको भी पता कौन कौन शामिल है सबको पता है। पर अगर पुलिसकर्मियों के सामने जाम लगे तो ये तो थोड़ा अजीब लगता है। ताजा मामला है आलमबाग चौरहा का चौराहे से लगे नटखेरा रोड का यह एक ऐसा रोड बन गया जहां पुलिस सिर्फ मुर्क़दर्शक बनी रहती है। पता नही क्यो?इसका जबाब या तो प्रशासन के पास होगा ये या इन पुलिस वालों के पास पर हद तो जब हो जाती है वहीं पर खड़े एक आरक्षी मानवेन्द्र सिंह वही से निकल रहा एक पत्रकार जब रिपोर्टिंग करने के लिए गुजरा तो जाम देख दूसरी रास्ते से जाने लगा तो वहीं खड़े आरक्षी मानवेन्द्र सिंह ने वर्दी का रौब दिखाते हुए नही जाने दिया और ये कहते हुए नही वापस भेज दिया कि इसी जाम से जाओ पत्रकार के बहुत कहने पर की न्यूज लेने जाना है पर ये आरक्षी महोदय नही माने और हद तो ये हो गयी आरक्षी ये भी कहने लगे जो करना हो कर लेना तुम जैसे हजारों पत्रकार घूमते रहते है । जो करना है कर ले जिससे शिकायत करना हो कर ले साथ ही आलमबाग थाने में पोस्टिंग है जिससे जो कहना है करवाना है कर लें। पत्रकार वहां से वापस लौट के चला गया अब आखिर सवाल उठता है वर्दी ईमानदारी की ड्यूटी निभाने की है या रौब दिखाने वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री पत्रकारों के प्रति हमेशा अपनी सहानभूति दिखाते हैं तो ऐसे आरक्षी रौब