आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ–आज दिनांक 21 जनवरी, 2020 को ग्राम वीवीपुर फतेहपुर, बाराबंकी में सीमैप द्वारा एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. अब्दुल समद, कार्यकारी निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषकों को वर्मीकम्पोस्ट बनाने की वैज्ञानिक विधि से अवगत कराना है। वर्मीकम्पोस्ट का प्रयोग करके किसान भाई अपने आप में वृद्धि कर सकते हैं। साथ ही केचुए का बड़े पैमाने पर सम्वर्धन करें। बाजार में केंचुए रु. 500/- प्रति किग्रा के भाव से बिकते हैं। सीमैप द्वारा चयनित कृषकों को वर्मीटब का वितरण किया गया । कार्यक्रम के समन्वयक डा. राकेश पाण्डेय ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। इस कार्यक्रम को भारत सरकार की जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने वित्त पोषित किया है।
प्रो. एच.बी. सिंह जो पूर्व में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्राध्यापक थे ने विस्तार पूर्वक जैविक खेती पर प्रकाश डाला। प्रो. सिंह ने बताया कि किसान भाई कीटनाशकों का प्रयोग कम से कम करें। जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें। डा. आकांक्षा सिंह ने ट्राइकोडर्मा बनाने बनाने की घरेलू पद्धति पर विस्तृत जानकारी दी। सीमैप के कीट वैज्ञानिक डा. संतोष केदार ने फसलों पर तरह-तरह के कीटों के नियमण की जैविक विधि पर विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम मे ं100 से अधिक प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया।