सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ-प्रदेश में होने वाले पंचायत चुुनाव के लिए ब्लॉक वार ग्राम प्रधान पद के आरक्षण की लिस्ट लखनऊ के गांव-गांव में ग्रामीणों के मोबाइलों पर खूब घूमी। इस लिस्ट के कारण गांव का सियासी पारा एकदम से चढ़ गया। लोगों ने यह लिस्ट एक-दूसरे से साझा करनी शुरू कर दी। लिस्ट की बाजार, पान व चाय की दुकानों पर चर्चा होने लगी। किसी के चेहरे खिल गए तो कोई लिस्ट में दर्ज आरक्षण से निराश हो गया।
प्रधान पद के आरक्षण की लिस्ट जारी होने की सूचना सबसे पहले बीकेटी ब्लॉक से आई। पता चला कि आरक्षण लिस्ट जारी हो गई। फिर क्या गांवों में हलचल शुरू हो गई। लिस्ट की सही जानकारी के लिए कुछ लोग ब्लॉक की ओर निकले। अधिकारियों को फोन किया। फिर सरोजनीनगर, काकोरी की लिस्ट भी वायरल होनी शुरू हो गई। मलिहाबाद, मोहनलालगंज से लेकर गोसाईंगंज तक आरक्षण लिस्ट जारी होने की खबर आने लगी। सीडीओ प्रभाष कुमार ने बताया कि प्रशासन की ओर से अभी तक आरक्षण की कोई लिस्ट जारी नहीं हुई है। शनिवार को आरक्षण जारी होने की संभावना है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई आरक्षण लिस्ट का सच दोपहर तक सबके सामने आ गया था। जब ब्लॉक और जिले पर फोन द्वारा लोगों ने पूछना शुरू किया तो पता चला कि आरक्षण अभी जारी नहीं हुआ है। लिस्ट फर्जी है।
फर्जी लिस्ट मे सही आंकड़े
जानकार बताते हैं कि वायरल आरक्षण लिस्ट में 2021 का आरक्षण छोड़कर सभी आंकड़े सही दर्ज हैं। चाहे वह 2011 जनगणना के मुताबिक गांव की जनसंख्या हो या एससी, ओबीसी व सामान्य वर्ग की आबादी। यही नहीं इस लिस्ट में वर्ग वार जनसंख्या का प्रतिशत भी दिया गया है। जानकार बताते हैं कि वायरल आरक्षण लिस्ट में 2021 का आरक्षण छोड़कर सभी आंकड़े सही दर्ज हैं। चाहे वह 2011 जनगणना के मुताबिक गांव की जनसंख्या हो या एससी, ओबीसी व सामान्य वर्ग की आबादी। यही नहीं इस लिस्ट में वर्ग वार जनसंख्या का प्रतिशत भी दिया गया है।