रिपोटर-सरवन कुमार सिंह
जालौन -मामला ग्राम पंचायत सुनाएं थाना के लिए क्षेत्र के अंतर्गत का है पीड़ित त्रिभुवन अहिरवार को एसडीएम के माध्यम से 1985 में एक आवासीय पट्टा किया गया था जिसके बाद पीड़ित अपने पट्टे पर आवास बनाने के लिए निर्माण करा रहा है लेकिन विपक्षी लोगों से मिलकर लेखपाल के द्वारा पीड़ित परिवार तिर्मोहन अहिरवार को प्रताड़ित थाना कैलिया एस एच ओ के माध्यम से कई बार थाने पर बंद कराया जा रहा है जबकि पीड़ित ने लिखित शिकायत एसडीएम को कई बार दी है उसके बावजूद एसडीएम को भ्रामक सूचना देकर प्रमोद पाठक अपनी मनमानी के चलते पीड़ित तिर्मोहन अहिरवार को मकान का निर्माण नहीं कराने दे रहे हैं और उसके खेतों में बनी सरकारी गूले जोकि सिंचाई का संसाधन होती और उन्हीं गुलो से किसान अपने खेतों की सिंचाई किया करते हैं लेकिन लेखपाल प्रमोद पाठक विपक्षियों से मोटी रकम लेकर उन सरकारी गुणों को खत्म कर दिया गया है जिसकी शिकायत एसडीएम को की गई जिसका एसडीएम के द्वारा लिखित आदेश किया गया और मौका मां ने की बात कही गई लेकिन अभी तक लेखपाल की मनमर्जी के कारण उन गुलो का समाधान नहीं किया गया जब पीड़ित तिर्मोहन अहिरवार अपनी शिकायत मीडिया से करने लगा तो मीडिया के उप संपादक कमलेश चौधरी ने लेखपाल प्रमोद पाठक से बातचीत की तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और अपने तीखे तेवरो से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी आपको कार्यवाही करनी है या फिर शिकायत करनी है तो आप स्वयं आकर अपने एसडीएम से बात करें इससे यह लगता है कि लेखपाल दबंग पर्वती का व्यक्ति है और गरीबों के साथ लगातार उत्पीड़न करने में लगा हुआ है ऐसे अधिकारियों को किसी भी आदेशों से फर्क नहीं पड़ रहा है अब देखना है कि इस पीड़ित त्रिमोहन अहिरवार को एचडीएम महोदय से कोई राहत मिलती है या फिर लेखपाल प्रमोद पाठक का उत्पीड़न का शिकार होता है
जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बावजूद भी प्रदेश के अधिकारियों में कोई फर्क नहीं पड़ रहा है लगातार आम जनता शोषण का शिकार हो रही है
कमलेश कुमार चौधरी नया भारत दर्पण समाचार लखनऊ