सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए योगी सरकार ने एक और कड़ा कदम उठा लिया है। योगी कैबिनेट ने ऐसा अध्यादेश लाने का फैसला किया है जिसके माध्यम से संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही वसूली की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में रिकवरी फॉर डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट ऑडिनेंस 2020 लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
जल्द ही इस अध्यादेश की नियमावली बना इसे लागू किया जाएगा। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अध्यादेश लाने का निर्णय लिया। बताया जा रहा है कि किसी भी आंदोलन व धरना प्रदर्शन में सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर उसकी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था इसी अध्यादेश के तहत की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसंबर में जब नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) अस्तित्व में आया था तो देश के कई राज्य हिंसा की चपेट में आ गए थे। यूपी के 20 से भी ज्यादा जिलों में हिंसा और आगजनी में कई लोग मारे गए। इस घटना के बाद विरोधी दलों ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
योगी सरकार ने सीएए के विरोध में हुई हिंसा के दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए पहले ही वसूली के आदेश जारी किए हैं। लखनऊ जिला प्रशासन ने प्रदर्शन के मामले में आरोपी 57 लोगों की तस्वीर और निजी जानकारी वाले होर्डिंग जगह-जगह लगवाए हैं। उनमें से कई को सबूतों के अभाव में जमानत मिल चुकी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसका स्वत: संज्ञान लिया था और इसे राइट टू प्रिवेसी का हनन बताते हुए सरकार को 16 मार्च तक होर्डिंग हटाने के आदेश दिए थे। राज्य सरकार ने इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।