शशांक तिवारी के साथ लवलेश कुमार और अभिषेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट
लखनऊ– राजधानी में प्राइवेट नौकरी के लिए धन उगाही करने वाले माफिया सक्रिय हो गए और अगर कोई विरोध करेगा तो जान से मार देने की धमकी भी दे रहें हैं।
मामला यूपी की राजधानी लखनऊ का जहां एक ओर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन माफियाओं के खिलाफ एक ऑपरेशन चला रहे हैं पर इन्हें इन सब चीज़ों का कोई डर नहीं। अगर कोई मना करता है तो जान से मारने की धमकी तक दे देते हैं है।
सूबे में ये मामले दिन पर दिन बढ़ रहे हैं। फोर्स सिक्योरिटी कंपनी के नाम से ऑनलाइन आईडी बनाए ये गैंग अपना ऑनलाइन नौकरी के लिए विज्ञापन देते हैं। जैसे ही बेरोजगार लोग नौकरी से सम्बंधित फॉर्म देखते हैं। तो ये उसमे अच्छी सी वेतन दिखाते। लोग फॉर्म भरते हैं। इन माफियाओं के पास नंबर पहुँच जाता। फिर चालू होता है इनका खेल। नंबर मिलते ही कॉल करते हैं। अपनी बातों में फंसा कर ऑफिस बुलातें है। ऑफिस में इनकी सक्रिय टीम कैंडिडेट का वायो डाटा लेकर एक यहां बैठे मैनेजर के पास इंटरव्यू के लिए भेजता है। वहां कुछ प्रश्न पूछे जैसे भी उत्तर दीजिये आपका सेलेक्शन हो जाता। उसके बाद मांग होती है पैसे की जिसको कह दिया जाता है । ये आपका सिक्योरिटी लगेगा अगर जॉब करेंगे तो 3 महीने बाद बापस मिल जाएगा नही करेंगे तो 11 महीनें बाद कोई टारगेट नही। आपकी सैलेरी है 25500 एक महीने की पहले ट्रैनिंग होगी जिसमें आपको 12500 मिलेंगे।
उसके बाद अगले महीनें से 25500 मिलेंगे। और काम आपको गार्ड , बाउंसर , सुपरवाइज़र, मिलेंगे आपको एक ब्रांच मिलेगी न तो गार्ड है न बाउंसर है तो बस यही कि जिस तरह आप आये हो उसी तरह और लोगो को नौकरी के नाम पर बुलाओ कॉल करके जिसमें 10% आपका बाकी जो लोग ऊपर बैठे हैं उनका।
ऐसी सूचना पाकर सिविल अस्पताल के पास फोसिक्योरिटी सर्विसेज” के ऑफिस मौके पर पहुँची नया भारत दर्पण की टीम और जांच पड़ताल की तो वहां पर मौजूद कर्मचारियों ने अंदर मोबाइल नही ले जाने दिया।
उसके बाद इंटरव्यू के लिए गए एक पत्रकार ने जब सारी जानकारी लेनी चाही तो वहां के मालिक धमकी देने लगे। वहां पर फंसे अपने एक सदस्य को देखते हुए बांकी टीम ने हजरतगंज थाना इंचार्ज को फ़ोन किया। मौके पर पहुँच कर उन्होंने जानकारी जुटाई तो उनके जो भी कागजात है। वो सिर्फ सिक्योरिटी सर्विसेज के नाम से ना कि कोई ऐसा कार्य करने के लिए । आखिर इसी तरह बेरोजगारों को कब तक ठगा जायेगा? कब तक पत्रकारों की आवाज को दबाया जाएगा? इन माफियों पर कब शिकंजा कसा जाएगा यहां यूं ही इन माफियाओं को लोगो को शिकार करने के लिए छोड़ दिया जाएगा।