सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ: कानपुर एनकाउंटर के आरोपी विकास दुबे मामले में एक नया खुलासा हुआ है। पुलिस ने बिकरू गांव में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान विकास दुबे के घर से कई बमों को बरामद किया है। इसके साथ की विकास विकास दुबे के पैर को लेकर भी एक बड़ी खबर सामने आई है कि वह टूटा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, वांछित गैंगस्टर का पैर टूटा हुआ है, जिसके स्थान पर वह मेटल का प्रयोग करता है। हालांकि यह अभी तक साफ नहीं है कि उसके पैर के अंदर रॉड लगी हुई है या फिर वह मेटल का पैर अलग से लगाता है। क्योंकि अभी तक विकास दुबे के जो भी वीडियो सामने आए हैं, उसमें वह लंगड़ाते हुए नहीं दिख रहा है। हालांकि उसकी गिरफ्तारी के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।
इसके साथ ही सूत्रों ने यह भी बताया कि पुलिस को विकास के घर पर जिंदा बम होने की सूचना मिली थी, जिसको लेकर वह छापा मारने पहुंची थी। एक मीडिया चैनल से बात करते हुए बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडे ने आश्वासन दिया कि अपराधी को पकड़ने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। हम हाई अलर्ट पर हैं, यदि वह बिहार में प्रवेश करता है तो वह सुरक्षा घेरे को पास नहीं कर सकता है। मुझे उन लोगों पर शर्म आती है जो उसको हीरो बनाने में लगे हैं। हम 8 पुलिस पर हमले की निंदा करते हैं। अगर विकास दुबे बिहार के जरिए नेपाल सीमा में प्रवेश करने की कोशिश करता है, तो वह बख्शा नहीं जाएगा। सभी पुलिस, एसटीएफ हाई अलर्ट पर हैं।
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, “विकास दुबे के सभी संभावित लिंक और कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं। यह केवल यूपी पुलिस की बात नहीं है, उसने 8 पुलिसवालों को मार दिया। यह पुलिस विभाग का मामला है। हम यूपी पुलिस के संपर्क में हैं। हमारी टीमें गठित हैं और वह पकड़ा जाएगा।” उन्होंने कहा कि उसे पकड़ने के लिए लगभग 40 टीमें गठित की गई हैं। हमें पुलिस में उसके कनेक्शन पर कड़ी नजर रखनी होगी।
सूत्रों ने बताया कि इस बीच कानपुर एनकाउंटर मामले में विकास दुबे की लोकेशन ट्रेस कर ली गई है। विकास दुबे की आखिरी लोकेशन बिजनौर में अम्हेड़ा पुलिस चौकी के पास ट्रेस की गई थी, जहां तीन कारों में लगभग 10 लोगों को देखा गया था। हिस्ट्रीशीटर के छिपे होने की सूचना मिलते ही पुलिस ने बिजनौर सीमा को सील कर दिया है।
सीओ देवेन्द्र मिश्र की चिट्ठी की जांच शुरू
शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्र की चिट्ठी की जांच शुरू हो गई है। जांच के लिए फॉरेसिंक टीम बिल्हौर सीओ के दफ्तर पहुंची है। आईजी लक्ष्मी सिंह इस मामले की जांच कर रही है। बता दें कि सीओ देवेन्द्र ने ये चिट्ठी तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को लिखी थी। इस चिट्ठी में सीओ देवेन्द्र ने थानाध्यक्ष विनय तिवारी पर गैंगस्टर विकास दुबे के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था।
एसएसपी को सीओ देवेन्द्र की चिट्ठी
”अभियुक्त विकास दुबे के खिलाफ कानपुर और दूसरे जिलों में करीब 150 मुकदमें संगीन मामलों में दर्ज हैं। हत्या, लूट के अभियोग पंजीकृत होने और उसके द्वारा शिवली थाने में घुसकर हत्या कर देने, ऐसे अपराधी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के मकसद और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेरे द्वारा चौबेपुर के थानाध्यक्ष को निर्देशित किया गया था, क्योंकि ऐसे दबंग अपराधी के विरुद्ध सामान्य जनता में शिकायत करने का साहस नहीं है। जब मेरे द्वारा विवेचक से पूछताछ की गई तो विवेचक ने बताया कि थानाध्यक्ष महोदय द्वारा कहे जाने पर धारा हटा दी गई है। इस प्रकार ऐसे दबंग कुख्यात अपराधी के खिलाफ थानाध्यक्ष द्वारा सहानुभूति बरतना और अब तक कार्रवाई न कराना विनय कुमार तिवारी की सत्यनिष्ठा पूर्णत: संदिग्ध है। दूसरे माध्यम से भी जानकारी हुई है कि थानाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी का पहले से विकास दुबे के पास आना-जाना और बातचीत है। यदि थानाध्यक्ष ने अपनी कार्य प्रणाली में परिवर्तन न किया तो गंभीर घटना घटित हो सकती है।”