लखनऊ. लखनऊ में आयोजित कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन इंडिया रीजन के 7वें सम्मेलन के समापन के बाद प्रेसवार्ता में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन अपने उद्देश्यों को साकार करने में सफल साबित होगा। उत्तर प्रदेश की धरती पर सम्मेलन का सफल आयोजन होने से हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। ओम बिरला ने संसद की पार्लियामेंट, रिसर्च विंग व संदर्भ शाखा को एक तंत्र में जोड़ने की बात कही, जिससे हर नागरिक उसे देख सके। ओम बिरला ने यह भी कहा कि कॉमनवेल्थ के देशों के जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए भारत की संसद नेतृत्व करेगी।
ओम बिरला ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्दश्य लोकतंत्र को मजबूत करना है, ताकि सदन की कार्यवाही बिना परेशानी चले। दो दिनी सम्मेलनों में हमने कुछ फैसले लिए हैं। 15 तारीख की बैठक में सभी विधानसभाओं को वहां के जनप्रतिनिधियों, विधायकों व कर्मचारियों को क्षमता निर्माण के लिए हमारी संस्था प्राइड प्रशिक्षण देगी। जिससे विधायी कार्यों, विधायकों की भूमिका या अन्य कार्यों पर हमारे वाद विवाद की चर्चाओं को उच्च स्तर का बनाया जा सके।
संसद समेत सभी विधानमंडलों की डिबेट्स को लाया जाएगा एक प्लेटफॉर्म पर
संसद की पार्लियामेंट, रिसर्च विंग व संदर्भ शाखा को एक तंत्र में जोड़ने की कोशिश करेंगे, जिससे देश का हर नागरिक एक ही प्लेटफार्म पर संसद व विधानमंडल की सभी कार्यवाही को देख सके। उन्होंने कहा कि हमने 40 लाख से अधिक डिबेट को डिजिटल कर दिया है। आगे की सभी कार्यवाही को भी डिजिटिल करने का काम करेंगे।
संसद के सौ साल पूरे होने पर आयोजन
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसद के सौ साल पूरे होने पर एक आयोजन होगा, जिसमें सभी राज्यों के पब्लिक अकाउंट कमिटि के चेयरमेन व सदस्य आपस में चर्चा करेंगे, जिससे यह तय होगा कि किस तरीके से उस कमिटि के माध्यम से बजटीय प्रावधानों, कार्यपालिका और सरकार के प्रावधानों पर भी नियंत्रण हो सके। सभी विधानमंडलों से आग्रह किया गया है कि सभी विधायकों का सम्मान करें, विधायी कार्य को लेकर बिल लाने से पहले सभी जनप्रतिनिधियों को इसके बारे में जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि विधानमंडलों को कार्यपालिका की वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक सजग प्रहरी की तरह कार्य करना चाहिए। इसके लिए, यह आवश्यक है कि जन प्रतिनिधियों को वित्तीय शब्दावली और बजटीय प्रक्रियाओं की बेहतर समझ हो।
अधिकार होंगे सीमित-
एक कमेटी के जरिए पीठासीन अधिकारियों के अधिकार को सीमित करते हुए निष्पक्ष रूप से सदन चलाने के लिए देहरादून में चर्चा हुई और अब लखनऊ में इस पर चर्चा हुई है। इसके परिणाम जल्द ही आएंगे। सभी विधानसभाएं, नगर निगम, नगर पंचायतों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे संवाद बेहतर हो सके।
ओम बिरला ने कहा कि हमारा लोकतंत्र मजबूत है इसलिए कॉमनवेल्थ देशों से वहां के कर्मचारियों के क्षमता निर्माण के लिए आपसी सहमति बनी है। मालदीव में हमारी संसद के कई लोग गए और वहां के कर्मचारी यहां आए। अन्य देशों के कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की क्षमता का निर्माण करने में भारत की संसद नेतृत्व करेगी। इस मौके पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमारा संवैधानिक संघीय ढांचा ‘अनेकता में एकता’ की गारंटी है।