सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल हीरालाल यादव ने बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना से लड़ने के नाम पर घोषित जनता कर्फ्यूू को सरकारी कर्फ्यू में बदल दिया गया ।अधिकांश जिलों में पुलिस ने लोगों को जबरन घरों में रहने के लिए मजबूर किया और दुकानें बंद करवायी। यहां तक कि दवा और दूध जैसी अति आवश्यक सामग्री को भी लेने नहीं दिया गया और ना ही सरकार की तरफ से इसकी कोई व्यवस्था की गई।
हीरालाल यादव ने कहाकि कई शहरों में दूध की गाड़ियां नहीं पहुंची जिससे बच्चे दूध के लिए तरस गए और मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। उन्हें आवश्यक इलाज नहीं मिला।जनता कर्फ्यू के बहाने सीएए एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ लंबे समय से चल रहे। आंदोलनों को भी समाप्त कराने की चाल चली गई। इलाहाबाद में कई जिलों की भारी फोर्स लगाकर लंबे समय से धरनारत महिलाओं के धरने को समाप्त कराने की कोशिश की।
और लगभग 6 घंटे तक पुलिस ने धरना स्थल को घेरे रखा किन्तु विरोध स्वरूप जुटी हजारों की तादात में जनता के भारी दबाव में रात्रि 1.00 बजे पुलिस को मजबूर होकर वापस जाना पड़ा । भाजपा की योगी सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि जनता की सहमति सहयोग और उसे आवश्यक सहायता और सुविधा उपलब्ध कराकर ही कोरोना से लड़ा जा सकता है डंडे केबदौलत नहीं।