ब्यूरो रिपोर्ट
लखनऊः कोरोना वायरस की अलर्ट के बीच स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। लखनऊ के केजीएमयू में इलाज के लिए लाई गई 7 साल की बच्ची में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है।सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने रिपोर्ट मिलने के बाद अलर्ट जारी कर दिया है। इस महीने में स्वाइन फ्लू के तीन मरीज मिले हैं, जिनमें एक की मौत हो चुकी है।
बता दें कि डालीगंज मौसमबाग निवासी सात वर्षीय बच्ची को सांस लेने में दिक्कत होने पर परिवारजन उसे लेकर केजीएमयू पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने बच्ची में स्वाइन फ्लू की आशंका होने पर उसकी जांच के लिए सैंपल भेजे। इसमें उसे स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। स्वाइन फ्लू का अब तक यह तीसरा मामला है और जिसमें एक की मौत हो गई है।
सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि स्वाइन फ्लू को लेकर सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। संदिग्ध मरीजों की तुरंत जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
स्वाइन फ्लू के यह हैं लक्षण
उन्होंने बताया कि खांसी-जुकाम व नाक से पानी गिरना, बुखार के साथ गले व पेट में दर्द, उल्टी व थकान लगना, मांसपेशियों में जकडऩ, सांस लेने में दिक्कत होना आदि ये स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं। वहीं, इससे बुजुर्ग, बच्चे व गर्भवती महिलाएं को ज्यादा खतरा है। जबकि निमोनिया, मधुमेह, कैंसर, हार्ट व लिवर के मरीजों के लिए यह रोग जानलेवा भी हो सकता है।
यह है बचाव
1.खांसी, जुकाम, बुखार के रोगी दूर रहें।
2.आंख, नाक, मुंह को छूने के बाद किसी अन्य वस्तु को न छुएं व हाथों को साबुन/ एंटीसेप्टिक द्रव से धोकर साफ करें।
3.खांसते, छींकते समय मुंह व नाक पर कपड़ा रखें।
4.सहज एवं तनावमुक्त रहिए। तनाव से रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कम हो जाती है जिससे संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
5.स्टार्च (आलू, चावल आदि) तथा शर्करायुक्त पदार्थों का सेवन कम करिए। इस प्रकार के पदार्थों का अधिक सेवन करने से शरीर में रोगों से लड़ने वाली विशिष्ट कोशिकाओं (न्यूट्रोफिल्स) की सक्रियता कम हो जाती है।
6.दही का सेवन नहीं करें, छाछ ले सकते हैं। खूब उबला हुआ पानी पीयें व पोषक भोजन व फलों का उपयोग करें।
7.सर्दी-जुकाम, बुखार होने पर भीड़भाड़ से बचें एवं घर पर ही रहकर आराम करते हुए उचित (लगभग ७-९ घंटे) नींद लें।
सामान्य उपचार
1.विशिष्ट आयुर्वेदिक पेय (काढ़ा) पियें। इसे बनाने के लिए डेढ़ कप पानी लेकर उसमें हल्दी पाउडर (एक चम्मच), कालीमिर्च (तीन दाने), तुलसी के पत्ते (दो), थोड़ा जीरा, अदरक, थोड़ी चीनी को उबाल लें। एक कप रह जाने पर उसमें आधा नींबू निचोड़ दें। इसे गुनगुना ही सेवन करें। इसे दिन में २-३ बार लिया जा सकता है।
2.नाक में दोनों तरफ तिल तेल की 2-2 बूंदें दिन में 3 बार डालें।
3.रोजाना 2 से 3 तुलसी पत्र का सेवन करें।
4.गिलोय का काढ़ा या ताजा गिलोय का रस 20 मिली प्रतिदिन पीयें।
5.उपयुक्त मात्रा वयस्कों के लिए है, बालकों की उम्र के अनुसार मात्रा कम करें।
6.स्वाइन फ्लू जैसे बुखार गले में खराब, सर्दी-जुकाम, खांसी व कंपकंपी आना, इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श लें।7.कपूर, इलायची, लौंग मिश्रण (पाउडर) को रूमाल में बांधकर रख लें व सूंघते रहें। संक्रमण का खतरा कम होता है।
8.अमृतधारा की 1-2 बूंदें रूमाल अथवा रूई पर लगाकर बार-बार सूंघते रहने से भी स्वाइन फ्लू से बचाव होता है।