सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में सोमवार को ईद का त्योहार मनाया गया। इस बार लोगों ने पहली बार ईद की नमाज़ घर में ही अदा की। नमाज़ पढ़ने के बाद लोगों ने एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी।
कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते ये जश्न अधूरा ही रहा। लोग घरों में ही कैद हैं। ईदगाहें और मस्जिदें में नमाज़ नहीं अदा हुई। हर बार ईद में लोग गले मिलकर एक दूसरे के घरों में दावतों में शरीक होकर मिलजुल कर खुशी मनाते थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. लॉकडाउन के चलते सब अपने घरों में ही ईद मना रहा हैं. नए कपड़े पहनने का रिवाज है, लेकिन इस बार लोगों ने पुराने कपड़ों में ही नमाज़ अदा की।
ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सभी को ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस्लाम में दो त्योहार सबसे अहम है। एक ईद-उल-फित्र और दूसरे ईद-उल-अज़हा। ईद-उल-फित्र रमजान के रोजे की खुशी में मनाते है। सभी लोग लॉक डाउन का पालन करें। दूर से ही लोगों को ईद की मुबारकबाद दे। ना किसी से हाथ मिलाए और ना ही किसी से गले मिले।
वहीं शिया मौलाना कल्बे जवाद ने भी अहले मुस्लिम को ईद की मुबारकबाद देते हुए सभी को लॉक डाउन का पालन करने की अपील की है। शहर काजी मुफ्ती इरफान मियां और शिया मौलाना सैफ अब्बास ने भी अपने घर में नमाज़ अदा की और सभी को ईद की मुबारकबाद पेश की।