सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ। कानपुर में अपराधियों संग हुए एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इस मामले में एक बाद एक खुलासे हो रहे हैं। जांच में पता चला कि मुठभेड़ से पहले चौबेपुर स्थित शिवली सब स्टेशन पर फोन करके गांव की बिजली कटवाई गई थी। इसकी पुष्टि एक बिजली कर्मचारी ने की है। कर्मचारी का कहना है कि चौबेपुर पॉवर स्टेशन से फोन आया था कि बिकरु गांव के पास बिजली की लाइन खराब हो गई है। इसके बाद बिजली काट दी गई थी।
पुलिस के मुताबिक, चौबेपुर थाने में तैनात सिपाही ने शिवली सबस्टेशन पर फोनकर बिकरु गांव की बिजली कटवाई थी। ये सिपाही बिकरु गांव का बीट कॉस्टेबल भी है। बीट सिपाही गांव की एक-एक गली और रास्ते से वाकिफ था। सीओ रसूलाबाद ने सबस्टेशन के एसएसओ, लाइन मैन और जेई से पूछताछ की तो चौकाने वाला खुलासा हुआ। चौबेपुर थाने से किसी सिपाही ने फोनकर गांव की बिजली की सप्लाई बंद कराई थी।
इतना ही नहीं बिजली कर्मचारियों ने पुलिस को उस सिपाही का नंबर भी उपलब्ध कराया। पुलिस अधिकारियों ने जब नंबर की जांच की तो पता चला कि वो नंबर थाने के एक सिपाही का था। एसटीएफ अब उस सिपाही से पूछताछ कर रही है।
बता दें कि कानपुर में अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित यूपी पुलिस के 8 कर्मी शहीद हो गए। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि 3 जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत दिकरू गांव में पुलिस का दल आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहा था। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई।अधिकारियों ने बताया कि पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए।