अनुराग ठाकुर की रिपोर्ट
लखनऊ। 2015 में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में लोगों ने दकियनूसी सिद्धांतो को किनारे कर नए चेहरों को मौका दिया। उन्होंने सोचा कि नया प्रधान आएगा तो हो सकता है गांव का विकास हो। लेकिन उनके इस भरोसे के इतने टुकड़े हुए कि उन्होंने इस बार से वोट न डालने का फैसला कर लिया है।
ताजा मामला राजधानी लखनऊ के तहसील मलिहाबाद अंतर्गत माल ब्लॉक के पंचायत उमरावल के खबहा का आया है। जो पूरी तरीके से बदहाली का शिकार हो चुका है। यहां के निवासियों का जीवन नरक समान हो चुका है। मूलभूत सुविधाओं से वंचित ये गांव विकास के उस चेहरे का इंतज़ार कर रहे है जो उनके उस भरोसे पर खरा उतर सके।
विनय कुमार सिंह जो कि स्थानीय निवासी है उन्होंने बताया कि बल्डेवखेदा पटका से सम्पर्क मार्ग जो कि खबहा मन्दिर तक का रास्ता लगभग 800 मीटर है 15 सालों से इस पर कोई काम नहीं हुआ है। बरसात में इस रोड पर चलना काफी मुश्किल होता है। कई बार इस रोड पर कीचड के चलते कई हादसे है चुके है। बावजूद इसके कई बार प्रधान, ब्लॉक ऑफिसर, जिला पंचायत सदस्य, विधायक,सांसद तक से इसकी शिकायत की जा चुकी है लेकिन सुनवाई नहीं हुई है।
अब सोचने वाली बात ये होती है कि चुनाव जीतने के बाद मुखिया अगर इस तरह से अपनी ही पंचायत के गांव, और लोगों को अनदेखा करेगा तो स्थानीय निवासी किसके पास जायेंगे किस से अपनी व्यथा कहेंगे।
बदहाल सड़क बेहाल आबादी
सभी सड़कों को पंद्रह जून तक गड्ढा मुक्त करने का सरकारी दावा हवा हवाई साबित हो रहा है। ग्रामीण अंचलों की अरसे से बदहाल सड़कें अब अस्तित्व खोने के कगार पर पहुंच रही हैं। कई जगहों पर उखड़ी गिट्टियां राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बन चुकी हैं। मरम्मत कब होगी इसे बताने वाला कोई नहीं है।
माल – भरावन मार्ग की सड़क जगह जगह पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। जिसकी बजरी सड़क पर फैलने से आवागमन में दिक्कत तो रहती ही है दूसरे दुर्घटना की संभावना भी अधिक बढ़ जाती है।
सरकारी फरमान को विभागीय जिम्मेदार झूठा साबित करने पर तुले हुए हैं, अन्यथा सड़कें समय से गड्ढा मुक्त हो जाती। जबकि संडीला विधानसभा में आने वाली ये रोड विधायक राजकुमार अग्रवाल राजिया के कार्य क्षेत्र में प्रमुख है। नेवादा से इस रोड की दुर्दशा शुरू हो जाती है।
माल भरावन मार्ग से हरदोई को जोड़ने वाली सड़क का पैचिंग का काम साल भर पूर्व कराया गया था, मगर वर्तमान में उसकी दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। बड़े-बड़े गड्ढे व पत्थर राहगीरों को चुटहिल कर रहे हैं। जबकि उक्त मार्ग दर्जनों गांवों समेत ब्लाक, तहसील, थाना व जनपद मुख्यालय आने जाने का प्रमुख मार्ग है।