अभिषेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट
लखनऊ 09 नवम्बर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दीपावली के नजदीक आने पर योगी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए उसे हर मोर्चे पर विफल बताया। बढ़ती मंहगाई, खत्म होते रोजगार, किसानों का करोड़ों रूपये का भुगतान बकाया, क्रय केन्द्रों की कमी एवं तमाम अनियमितताओं सहित धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य से बेहद कम पर होने व पराली के नाम पर योगी सरकार द्वारा की किये जा रहे किसानों के उत्पीड़न आदि जनविरोधी नीतियों से प्रदेश में त्राहि-त्राहि है। प्रदेश का सबसे बड़ा पर्व दीपावली नजदीक है परन्तु लोगों की जेबों में पैसा न होने से हर्षोल्लासपूर्वक पवित्र पर्व दीपोत्सव न मना पाने को भी अभिशप्त हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने आज जारी बयान में कहा कि प्रदेश के नौजवान, किसान, बुनकर, असंगठित मजदूर, रोजी-रोटी के लिए भटक रहे हैं। स्थिति इतनी भयावह है कि सरकार ने स्वयं उ0प्र0 में बेरोजगारी दुगुनी होने की बात विधानसभा में स्वीकार की है। इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर प्रदेश की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई के अरबों रूपये पानी की तरह बहाकर दो बड़े आयोजन किये गये किन्तु आज तक धरातल पर न तो कोई उद्योग लगा और न ही किसी को रोजगार मिला। विज्ञापन प्रेमी योगी सरकार ने सिर्फ कागजों पर एमओयू साइन कर उद्योगों की स्थापना और रोजगार सृजन का दिवास्वप्न दिखाने का काम किया। आज प्रदेश की जनता और युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार बनने के बाद तीन बार बिजली के दाम बढ़ाये गये, अधिभार लगाये गये, चार बार स्मार्ट मीटर बदले गये, इन सबका बोझ आम जनता की जेबों पर लगातार डाला गया। स्मार्ट मीटर के नाम पर प्राइवेट कंपनियों को लगातार फायदा पहुंचाया गया और जनता के पैसे की खुली लूट की गयी। ऐसे स्मार्ट मीटर भी सामने आये जो बगैर लगे ही रीडिंग दे रहे थे। मीटर रीडिंग और भार में कई गुना जम्पिंग भी होती रही और ऊर्जामंत्री लखनऊ की सड़कों पर साइकिल चलाकर इस भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आज बिजली के दाम 500 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं के बिजली का रेट 500 प्रतिशत तक, शहरी उपभोक्ताओं के बिजली का रेट 84 प्रतिशत तथा किसानों के बिजली का बिल 126 प्रतिशत तक बढ़ाया गया। खाद, डीजल, सिंचाई, उर्वरक, कीटनाशक आदि के दामों में भारी वृद्धि की गयी जिससे किसान चैतरफा परेशान हैं। किसानों की उपज मुख्य तौर पर धान की खरीददारी साजिशन नहीं की जा रही है। जिससे किसान बिचैलियों के हाथों 900 रूपये से लेकर 950 रूपये प्रति कुंतल की दर से बेंचने को मजबूर है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लाॅक डाउन विशेषकर बुनकरों सहित लघु एवं कुटीर उद्योगों के लिए तबाही लेकर आया। ऐसे में सरकार को राहत देना चाहिए था किन्तु सरकार ने बुनकरों के लिए पहले से लागू बिजली के फ्लैट रेट की व्यवस्था समाप्त कर दी जिससे बुनकरों को अपना पावरलूम बेंचने को मजबूर होना पड़ा और रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया। आज बुनकर समाज सड़कों पर उतरकर आन्दोलन करने को विवश हैं।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खत्म होते जा रहे हैं और सरकारी भर्तियां सरकार की गलत नीतियों तथा भ्रष्टाचार को प्रश्रय देने के कारण अटकी पड़ी हैं। आज ही यूपीएसएसएससी की बीडीओ की भर्ती के सफल अभ्यर्थियों ने कई वर्षों से नियुक्ति न मिलने के खिलाफ मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया। उनकी जायज मांगों को मानने के बजाए पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होने कहा कि योगी सरकार में कोई भी भर्ती अदालतों के हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं हो पा रही है। युवा हताश और निराश है। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का हाल बेहाल है उनके लिए प्रतिदिन की रोजी-रोटी के भी लाले पड़े हैं। योगी सरकार को उनके घरों में भी दीपक जलाने का प्रबन्ध करना चाहिए तभी इस दीपोत्सव की सार्थकता सिद्ध हो सकती है।
श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि नया पेराई सत्र चालू हो चुका है किन्तु गन्ना किसान अभी तक पिछले गन्ना बकाये के भुगतान को तरस रहे हैं। योगी सरकार में आर्थिक कठिनाइयों और तंगी के चलते हमारे अन्नदाता किसान आत्महत्या करने को विवश हैं।
रवी की फसल की तैयारी करने को किसान के पास पैसा नहीं है वह कर्ज लेकर रवी की फसल की तैयारी कर रहा है उसकी पिछली धान की फसल क्रय केन्द्रों में अनियमितताओं में फंसी हुई है। क्रय केन्द्रों पर धान में तमाम कमियां निकालकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से आधे दाम पर उसके धान की खरीद की जा रही है जिसके चलते उसकी पिछली फसल की लागत नहीं निकल पा रही है और उसे अगली फसल के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। किसान लगातार कर्ज के दलदल में फंसता चला जा रहा है। दीपों का पर्व दीपावली मनाने के लिए उसके पास फूटी कौड़ी नहीं है। योगी सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि किसान भी साल भर के इस त्योहार को हंसी खुशी मना सके।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 14 लाख प्रतिवर्ष नौकरी देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार मनरेगा मजदूरों सहित तमाम विभागों के कर्मचारियों का भुगतान भी नहीं कर पा रही है। मनरेगा मजदूरों के भुगतान न हो पाने की स्थिति में मनरेगा मजदूर कैसे दीपावली मनायेंगे। आज समाज का हर वर्ग कराह रहा है। दीपोत्सव हर्ष और उल्लास का त्योहार है लेकिन प्रदेश की जनता योगी सरकार की रोजगार विरोधी, व्यापार विरोधी, किसान विरोधी, युवा विरोधी नीतियों के चलते इस त्योहार को मनाने में कठिन आर्थिक संकट का सामना कर रही है।