लखनऊ। उत्तर प्रदेश कीयोगी सरकार सोमवार को विधान मंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना सुबह 11 बजे विधानसभा में तो विधान परिषद में नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा बजट प्रस्तुत करेंगे। योगी सरकार का यह पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट होगा। यह सूबे के इतिहास में पहला कागज रहित बजट भी होगा।
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियों के बीच पेश किए जाने वाले इस बजट में सरकार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी पुख्ता जमीन तैयार करने की कोशिश करेगी। लिहाजा नए बजट में युवाओं, किसानों, श्रमिकों और महिलाओं को साधने के साथ बुनियादी ढांचे के विकास को भी तेज गति देने की कोशिश होगी। कोरोना आपदा के मद्देनजर स्वास्थ्य क्षेत्र की बेहतरी के लिए खजाना खोला जा सकता है। बजट का आकार 5.5 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसे पेश करने से पहले सोमवार को सुबह कैबिनेट की मंजूरी दिलाई जाएगी।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने रविवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश बजट 2021-22 को अंतिम रूप दिया। इस अवसर पर उनके साथ अपर मुख्य सचिव वित्त राधा एस चौहान भी अपने स्टाफ के साथ मौजूद थीं। सोमवार को मंत्री सुरेश कुमार खन्ना विधान भवन में 11:00 बजे से उत्तर प्रदेश का बजट प्रस्तुत करेंगे। इस बार भी बजट को वित्त विभाग ने प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं और मंशा के मुताबिक तैयार कर दिया है। डिजिटल माध्यमों से बजट की प्रस्तुति की तैयारी भी की जा चुकी है। इससे पहले ही मंत्री व विधायकों को आईपैड पर बजट देखने की ट्रेनिंग भी गई है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सदन के अंदर पेपरलेस बजट कैसे प्रस्तुत करेंगे इसकी रूपरेखा भी खींच ली गई है।
योगी आदित्यनाथ सरकार के वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में बुनियादी ढांचे पर फोकस होगा। चुनावी वर्ष का बजट होने के नाते प्रदेश सरकार इसके जरिये विभिन्न वर्गों को भी साधने की कोशिश करेगी। कोरोना वायरस आपदा के कारण राज्य और केंद्र सरकार के राजस्व में आई कमी से बजट के लिए संसाधन जुटाने की चुनौती बढ़ गई है। सरकार के पिछले बजट का आकार 5.12 लाख करोड़ रुपये था। कयास लगाये जा रहे हैं कि बजट का आकार 5.5 से 5.6 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। चुनावी वर्ष में हौसला दिखाते हुए सरकार इससे बड़े आकार का बजट भी प्रस्तुत कर सकती है। चुनावी वर्ष में हसरतों को परवान चढ़ाने के लिए सरकार इसके साथ अगस्त व दिसंबर में दो अनुपूरक बजट भी पेश कर सकती है।
योगी आदित्यनाथ सरकार के बजट में गंगा परियोजना, पांच एक्सप्रेसवे की परियोजनाओं को आगे बढ़ाने, 250 से अधिक आबादी वाले गांवों को मुख्य संपर्क मार्गों से जोड़ने, नोएडा में फिल्म सिटी, पर्यटन स्थलों के विकास के साथ आवास से जुड़ी परियोजनाओं के लिए भी घोषणाएं होने की उम्मीद है। कोरोना महामारी के चलते स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार अपने इस कार्यकाल का अंतिम बजट सोमवार को प्रस्तुत करेगी। राज्य सरकार के इस बजट में किसान, युवा, छात्र तथा महिला के साथ हर वर्ग के लिए इस बजट में कुछ नई घोषणाएं होने की उम्मीदें हैं। सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से जनता के बीच विकास का बड़ा संदेश देने का काम भी इस बजट के माध्यम से करेगी। विधान भवन में डिजिटल माध्यमों से प्रस्तुत होने वाला यह बजट पूरी तरह पेपरलेस होगा। माना जा रहा है कि बजट में चुनावी तैयारियों की झलक देखने को मिल सकती है। यह बजट नए रूप में पेश किया जा सकता है। इसमें हर गांव, घर, परिवार की बात होगी तो उद्यमी, किसान, महिला, नौजवान की चिंता भी नजर आएगी। व्यापारी और बेरोजगार के लिए कुछ खास होगा तो बेसहारा की सहारा बनने वाली कोई न कोई सौगात भी संभव है।
सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास की होगी झलक: बजट सत्र शुरू होने से पूर्व भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में बजट सत्र के दौरान सरकार की चार साल की उपलब्धियों पर मजबूती से अपना पक्ष रखने की बात कही गई थी। इस बैठक में इस बात के संकेत दिए गए थे कि बजट के बाद 2022 चुनाव की तरफ बढऩा है। इससे यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश सरकार का यह बजट सबको खुश करने वाला हो सकता है। भाजपा के नारे सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास को बजट के माध्यम से जनता के बीच पहुंचाने की कोशिश हो सकती है।
आकार बढ़ाने के लिए 4.8 फीसदी तक घाटे का हो सकता है बजट: माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार के इस बजट का आकार 5.5 लाख करोड़ के करीब का होगा। केंद्रीय करों से अपेक्षित धनराशि नहीं मिलने के बाद भी राज्य सरकार अपने बजट के आकार को बढ़ाने में सफल होगी। इसका प्रमुख आधार वैश्विक संस्थाओं द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत के विकास दर का आंकलन 11 फीसदी के करीब किया जाना बनेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को बजट घाटे को तीन से बढ़ाकर पांच फीसदी किए जाने की छूट दिए जाने से भी प्रदेश सरकार बाजार व बैंकों से कर्ज बढ़ाकर अपने बजट आकार को बढ़ाने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार 4.8 फीसदी घाटे का बजट प्रस्तुत कर सकती है। गौरतलब है कि चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार का बजट कुल 5.13 लाख करोड़ है।
राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को सौगात देने की तैयारी में सरकार: योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते को जुलाई 2021 से बहाल कर सकती है. इस बार के बजट में इसका इसका प्रावधान हो सकता है। प्रदेश में कुल 16 लाख राज्य कर्मचारी और तकरीबन 12 लाख पेंशनर हैं। बीते साल कोरोना के चलते सरकार ने डीएम में वृद्धि ना करने का फैसला किया था। बजट में प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को भी बड़ी सौगातें मिल सकती हैं। वहीं विशेषकर कृषि और उद्योग क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं होने की उम्मीद है।
योगी आदित्यनाथ सरकार का बजट में इन पर रहेगा फोकस
– फिल्म सिटी के लिए भी बजट का प्रबंध होने की उम्मीद।
– कोरोना वैक्सीन सभी के लिए मुफ्त करने की घोषणा होने की उम्मीद भी की जा रही है।
– अयोध्या, काशी, मथुरा और गोरखपुर के पर्यटन विकास के लिए नई योजनाओं की उम्मीद।
– किसानों के लिए भी हो सकती हैं नई घोषणाएं।
– महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में भी अच्छी खासी धनराशि का प्रबंध होने की उम्मीद।
– गंगा किनारे के गांवों में गंगा मैदान, गंगा चबूतरा तथा अन्य विकास कार्य।
– स्कूल-कालेज के छात्र छात्राओं को टैबलेट या लैपटाप की घोषणा।
– प्रदेश की पांच एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं की गति बढ़ाने व काम शुरू करने के लिए भारी भरकम धनराशि।
– संपर्क मार्गों से अछूते 250 से अधिक आबादी वाले ग्रामीण बसावटों को संपर्क मार्ग से जोडऩे के लिए करीब 8000 करोड़ रुपये।