- उप जिलाधिकारी के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने में माहिर
- बीबीपुर ग्राम पंचायत थाना बंथरा क्षेत्र के अंतर्गत है
कमलेश चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ । तहसील सरोजनी नगर लखनऊ के ग्राम बीबीपुर की गाटा संख्या 315 सा के 2.845हे0मे से 30.000 घन मीटर साधारण मिट्टी की खनन अनुज्ञा दिनांक 15 2017 से 308 2017 तक 3 मई हेतु अग्रिम रॉयल्टी जमा कराते हुए सशस्त्र खनन अनुज्ञा श्री अनुज प्रताप सिंह पुत्र भवानी सिंह निवासी 161 बीबीपुर तहसील सरोजनी नगर लखनऊ के पक्ष मैं स्वीकृत किया गया। उक्त स्वीकृत खनन अनुज्ञा पर भारतीय किसान यूनियन राजनैतिक उत्तर प्रदेश द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्र दिनांक 22 2017 एवं भारतीय किसान यूनियन अ के पत्र दिनांक 296 2017 एवं संलग्न श्री राम बाबू चौरसिया का दिनांक रहे थे पत्र में उल्लेख किया गया है कि ग्राम किशनपुर कौड़िया एवं बीबीपुर 2 ग्राम सभाओं में लगभग 100 परिवार चौरसिया समाज के लोग सब जीवा पान की खेती करते हैं जो इसी गाटा संख्या 315 के चारों तरफ भीड़ बने हैं तथा तालाब की मिट्टी व पानी भी तो में प्रयोग पूर्वजों से चौरसिया समाज के लोगों द्वारा किया जा रहा है एवं चौरसिया समाज का इन्हीं गीतों के माध्यम से भरण पोषण होता है। इसका खनन होने से दोनों गांव के चौरसिया समाज के लोगों में भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे । इसमें भारतीय किसान यूनियन द्वारा धरना प्रदर्शन किए जाने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया गया।
प्रश्न गत प्रकरण में क्षेत्रीय लेखपाल एवं खान निरीक्षक की आख्या दिनांक 276 2017 में उल्लेख है की ग्राम बीबीपुर के गाटा संख्या 315 से स्वीकृत मात्रा 30000 घन मीटर साधारण मिट्टी सापेक्ष 6560 घर मीटर साधारण मिट्टी का खनन किया जा चुका है। इस प्रकार से शेष 30,000 एवं 6560=23.440घन मीटर शेष बचता है ।
उपरोक्त परिस्थितियों में प्रशासनिक व्यवस्था के दृष्टिगत उपरोक्त सिर्फ खाने मात्रा का खनन अनुज्ञा को निरस्त किए जाने एवं दूसरे तालाब स्थल पर सुसंगत व्यवस्था अनुसार खनन अनुज्ञा दिया जाने के आदेश जिलाधिकारी के द्वारा निर्गत किया गया।
अतः जिलाधिकारी महोदय के आदेश दिनांक 29 2017 के अनुपालन में तहसील सरोजनी नगर लखनऊ के ग्राम बीबीपुर की गाटा संख्या 315 साल के 2845हे0 मैं से 30,000 घन मीटर साधारण मिट्टी की खनन अनुज्ञा दिनांक 15 2017 से 308 2017 तीन माय हेतु में शेष खनन मात्रा 30,000-6560=23.440 घन मीटर शेष बसता है उसको तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है तथा दूसरे तालाब स्थल पर सुसंगत व्यवस्था अनुसार खनन अनुज्ञा दिया जाएगा।
इन चौरसिया समाज के लोगों को एवं प्रधानों के ऊपर शिकंजा नहीं कसा गया तो राजस्व विभाग से लेकर कोई भी ऐसा ग्राम पंचायत में पीड़ित परिवार नहीं रहेगा जो दबंगई के बदौलत अपनी सल्तनत को बनाने में कोई कसर छोड़ने वाला नहीं है।
अब देखने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश सरकार के आदरणीय एवं माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के होते हुए और इतने कड़े निर्देश होने के बावजूद इन्हीं के अधिकारी इन्हीं का मखोल उड़ाने कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।