सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ। औरेया में प्रवासी मजदूरों से भरी डीसीएम में जिस ट्रक ने टक्कर मारी उसका ड्राइवर नींद में था। वह नींद के झोंके में ट्रक चला रहा था इसलिए उसे सडक़ के किनारे खड़ी ट्रक नहीं दिखी। और पलक झपकते ही यह हादसा हो गया। 23 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि एक ने अस्पताल में अंतिम साांस ली। 22 से अधिक लोग घायल हैं। जिनमें 15 की हालत गंभीर हैं। घायलों और मृतकों में अधिकतर बिहार,झारखंड और पश्चिम बंगाल के लोग हैं जो लॉकडाउन में रेलगाडिय़ों के न मिलने की वजह से ट्रक और डीसीएम में सवार होकर अपने घरों को लौट रहे थे।
हादसे के वक्त डीसीएम सडक़ के किनारे खड़ी थी। तभी ट्रक ने उसमें टक्कर मार दी। ग्रामीणों ने बताया कि डीसीएम चालक की भी गलती थी। हाइवे पर तेज रफ्तार में ट्रकेे चलती हैं। इसलिए उसे अपनी गाड़ी सडक़ के किनारे से हटाकर चाय के ढाबे की ओर खड़ी करनी थी लेकिन उसने गलती की और सडक़ से हटकर ही डीसीएम लगा दी। उधर ट्रक चालक जिसमें चूना लदा था और उसमें बड़ी संख्या में मजदूर सवार थे वह तेज रफ्तार में चला आ रहा था। उसे सडक़ किनारे खड़ी डीसीएम नहीं दिखी। बताया जाता है ट्रक ड्राइवर नींद के झोंके में गाड़ी चला रहा था। इसलिए उसे डीसीएम नहीं दिखी और वह उससे भिड़ गया।
ज्यादातर लोग बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से
घायलों में ज्यादातर लोग बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के हैं। हादसे में मरने वालों में राहुल पुत्र विभूति निवासी गोपालपुर थाना पिंडा जोरा झारखंड, नदकिशोर, कनी लाल पिंडा जोरा झारखंड, केदारी यादव पुत्र मुन्ना यादव निवासी बारा चट्टी बिहार, अर्जुन यादव, राजा गोस्वामी, मिलन निवासी पश्चिम बंगाल, गोवर्धन पुत्र गोरांगो, अजीत पुत्र अमित निवासी पशिम बंगाल, चन्दन राजभर, नकुल महतो, सत्येंद्र निवासी बिहार, गनेश निवासी पुरुलिया पश्चिम बंगाल, उत्तम, सुधीर निवासी गोपालपुर, डॉक्टर मेहती, मुकेश, सोमनाथ गोस्वामी आदि हैं।