रिपोर्ट संजय सिंह राणा
चित्रकूट– शासन के निर्देशों का खुला उल्लंघन करने में जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी चरम सीमा पर है जहां शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का खुला उल्लंघन करते हुए जिम्मेदार अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए नजर आ रहे हैं जिसके कारण सरकारी निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं हो पा रहा है वह जिम्मेदार अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए कार्य कर रहे हैं l
ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय चित्रकूट का l
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जहां सरकार ग्राम पंचायतों को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए निर्देश दिए हुए हैं वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायतों की हालत देखते ही बनती है जहां पर स्वच्छता मिशन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहे हैं ग्राम पंचायतों में कार्यरत सफाई कर्मियों की मनमानी सर चढ़कर बोल रही है वहीं दूसरी ओर कई ग्राम पंचायत ऐसी हैं जहां पर आज भी सफाई कर्मी नियुक्त नहीं है जिसके कारण गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है जो सफाई कर्मी ग्राम पंचायतों में तैनात हैं वह भी किराए के लोग लगाकर साफ सफाई करवाते हैं व खुद ग्राम पंचायतों में कभी नहीं जाते हैं जो सफाई कर्मी किराए से लगाए जाते हैं वह सिर्फ स्कूलों में ही थोड़ा बहुत कार्य करके खानापूर्ति करते हैं वही ज्यादातर सफाई कर्मचारी जिले के विभागों में सम्बद्ध हैं जो विभागीय अधिकारियों के चूल्हा चौका बर्तन से लेकर साफ-सफाई तक करते हैं l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि एक अधिकारी के पास लगभग चार चार सफाई कर्मचारियों की तैनाती है जो सिर्फ उनके निजी कार्य करते हुए नजर आते हैं l
बताते चलें कि जिला विकास अधिकारी द्वारा अपने पास चार सफाई कर्मी रखे गए हैं जो उनके ही इर्दगिर्द घूमते हुए नजर आते हैं एक सफाई कर्मचारी घर में चूल्हा चौका बर्तन का काम करता है तो दूसरा सफाई कर्मी कार्यालय की देखरेख करता है वहीं तीसरा सफाई कर्मी अर्दली बना है तो चौथा कर्मचारी ड्राइवर की भूमिका अदा कर रहा है जबकि जिला विकास अधिकारी कार्यालय में ड्राइवर की नियुक्ति है वह खाली जिला विकास कार्यालय में बैठकर वेतन लेने का काम कर रहा है l
जिला विकास अधिकारी की मनमानी के चलते चार चार सफाई कर्मियों को अपने पास नियुक्त किए हुए हैं l
जिला विकास अधिकारी एक सफाई कर्मचारी को अपनी गाड़ी का ड्राइवर रखे हुए हैं जबकि जिला विकास कार्यालय में राघवेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति की नियुक्ति है जो खाली जिला विकास कार्यालय में बैठे हुए नजर आते हैं l
ऐसे कई कार्यालय हैं जहां पर सफाई कर्मचारी बाबू या चपरासी बने बैठे हैं लेकिन ग्राम पंचायतों में तैनाती होने के बाद भी कभी गांव नहीं जाते हैं जबकि निदेशक पंचायती राज उत्तर प्रदेश द्वारा जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया था कि सफाई कर्मचारियों की तैनाती उन्ही ग्राम पंचायतों में रखी जाए जहां पर वह तैनात हैं लेकिन ज्यादातर सफाई कर्मचारी सिर्फ सरकारी कार्यालय में नजर आते हैं l
निदेशक पंचायती राज ने जिला पंचायत राज अधिकारी को भेजे गए पत्र में उल्लेखित किया था कि ग्राम पंचायतों से निरंतर शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि ग्राम पंचायतों में तैनात ग्रामीण सफाई कर्मचारियों द्वारा सफाई का कार्य नहीं किया जाता है तथा ज्यादातर कर्मचारी अपने कार्यस्थल से अनुपस्थित पाए जाते हैं वह सफाई कर्मचारी राजस्व ग्रामों से बाहर कार्य करते हुए नजर आते हैं जिस कारण ग्राम पंचायतों में साफ सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से संपन्न नहीं हो पा रही है इस संबंध में उच्च स्तर पर निदेशक पंचायती राज में चिंता व्यक्त की है सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति राजस्व ग्रामों में सफाई कार्य किए जाने हेतु की गई थी वह अपने तैनात ग्राम पंचायतों में जाकर सफाई कार्य करे यदि कोई सफाई कर्मचारी कार्य करने में लापरवाही कर रहा है तो उसको अन्य ग्राम पंचायतों में सफाई करने हेतु निर्देशित करें व सफाई कर्मचारी के वेतन का भुगतान नियमानुसार संबंधित राजस्व ग्राम में उपस्थित आधार पर ही किया जाए साथ ही यह भी निर्देशित किया गया था कि कार्यालय में सफाई कर्मी के स्थान से संबंधित व्यक्ति से कार्य कराया जाय l यदि स्टाफ की कमी है तो ज्यादा से ज्यादा चार सफाई कर्मचारी कार्यालय में रखें व चार से अधिक सफाई कर्मचारियों को कार्यालय से सम्बद्ध करें एवं उसकी सूचना से निदेशालय को अवगत कराएं कार्यालय में उन सफाई कर्मचारियों को संबद्ध रखें जो किसी संगठन का पदाधिकारी ना हो इसके अतिरिक्त यह भी निर्देशित किया गया था कि सफाई कर्मचारियों के अधिष्ठान से संबंधित पटल सहायक को प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना किसी भी सफाई कर्मचारी का वेतन आहरित न करें व यह भी निर्देशित किया गया था कि सफाई कर्मी के अधिष्ठान पर एक लिपिक के कई वर्षों से रहने के कारण अनेकों शिकायतें प्राप्त हो रही हैं lअधिक जनसंख्या वाले राजस्व ग्राम खाली पड़े रहते हैं ऐसी स्थिति में निदेशक पंचायती राज ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया था कि सफाई कर्मचारियों को अधिक जनसंख्या वाले गांवों में सफाई करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी की मनमानी के चलते सफाई कर्मी जिला मुख्यालय कार्यालय में संबद्ध होकर अपनी मनमानी करते हुए नजर आते हैं l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि जहां सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान को लेकर सफाई कर्मियों को ग्राम पंचायतों में तैनात किया गया है वहीं दूसरी ओर यही सफाई कर्मी सरकारी कार्यालयों में बैठकर अधिकारियों की जी हुजूरी करते हुए नजर आते हैं l
वही जिला विकास अधिकारी द्वारा चार चार सफाई कर्मियों को रखकर सरकारी निर्देशों का उलंघन किया जा रहा है l
सोचने वाली बात यह है कि कब यह सफाई कर्मी अपनी तैनात ग्राम पंचायतों में कार्य करते हुए ग्राम पंचायत को स्वच्छ व सुंदर बनाने का काम करेंगे l