आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा सुप्रिमो अखिलेश यादव ने सीएए प्रदर्शनकारियों के शहर भर में होर्डिंग्स लगाए जाने पर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार नागरिकों के संविधान से प्राप्त अधिकारों पर कुठाराघात करने पर तुली हुई है। इन दिनों ‘भाजपा सरकार’ राजधानी लखनऊ में एक पक्षीय विरोध को कुचलने का काम कर रही है। किसी भी लोकतांत्रिक सरकार का यह काम नहीं हो सकता है कि वह अपने नागरिकों को संविधान प्रदत्त अधिकारों से वंचित करे और सार्वजनिक रूप से उनको बिना अदालती निर्णय के अपराधी घोषित कर दे।
इस तरह का प्रदर्शन किसी भी तरह नैतिक नहीं
बता दें कि अखिलेश ने लिखित में बयान जारी कर कहा कि भाजपा राज में पुलिस ने लखनऊ में सार्वजनिक तौर पर होर्डिंग, पोस्टरों के जरिए करीब 50 से ज्यादा नागरिकों के फोटो लगाकर उनकी पहचान कराने को कहा है। चैराहों पर इस तरह का प्रदर्शन किसी भी तरह नैतिक नहीं ठहराया जा सकता है। किसी को ‘संदिग्ध‘ मानकर उसको बिना दलील, बिना वकील के ही सीधे-सीधे अपराधी की तरह प्रचारित कर देना कौन सी लोकतांत्रिक व्यवस्था है? इस तरह की छूट से तो भाजपा सरकार कभी भी कहीं भी किसी का भी उत्पीड़न का शिकार बना सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे आक्रोशित जनता अगर भाजपा नेताओं के असली चेहरे की फोटो वाली होर्डिंग लगा देगी तो भाजपा क्या करेगी? वह सच्चाई को कैसे छुपाएगी?
भाजपा को लोकतंत्र में भी विश्वास नहीं
उन्होंने कहा कि भारत में संविधान से ही लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू है। भाजपा का लोकतंत्र में भी विश्वास नहीं है। असहमति का अधिकार भारतीय संविधान से प्राप्त है, लेकिन भाजपा तो लोकतंत्र की आवाज को ही बंद करना चाहती है। करीब 24 हत्या के बाद यह टिप्पणी कि जो भी सड़क पर आएगा उसको तो मरना ही है भाजपा नेतृत्व की संवेदनहीनता का परिचय देता है। यकीनन भाजपा सरकार संवाद के बजाय तानाशाही रवैया अपनाने का काम कर रही है। लोकतंत्र लोकलाज से चलता है, लेकिन भाजपा को इसकी कतई फिक्र नहीं है। भाजपा के कारनामों को जनता कभी बर्दाश्त नहीं कर सकती।