आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊः फर्जीवाड़ा के आरोप में सपरिवार जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद आजम खां को लगातार झटके पर झटके मिल रहे हैं। अखिलेश यादव सरकार में हुई जल निगम भर्ती घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने आजम खां को दोषी माना है। UP जल निगम में 853 जूनियर इंजीनियर व 335 लिपिकों की हुई भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले 122 सहायक अभियंताओं की भर्तियों को निरस्त किया गया था। SIT जांच में भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाए जाने पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार देर रात भर्ती निरस्त करने संबंधी आदेश को जारी कर दिया। आजम खां पर आरोप है कि 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता समेत कुल 1300 पद थे, जिनकी भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता बरती गई। आजम खां पर खिलाफ आरोप है कि उन्होंने 2016-17 में जल निगम के भर्ती बोर्ड का चेयरमैन रहते 1300 पदों पर भर्ती में गड़बड़ी की थी। जांच के बाद मामला सामने आने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने जेई और क्लर्क की भर्तियों को रद्द कर दिया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दोषपूर्ण परीक्षा में जो अभ्यर्थी सफल या असफल हुए उनको प्रमाणिक नहीं माना जा सकता है। मूल डाटा गायब होने से दोनों श्रेणी के अभ्यर्थियों को अलग अलग करना भी संभव नहीं है। ऐसे में उक्त नियुक्तियों को 24 दिसंबर 2016 के प्रस्ताव से निरस्त कर शून्य घोषित किया गया है। आदेश में कहा गया है कि इनको अब तक प्राप्त हुए वेतन भत्ते आदि की वसूली नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में गड़बड़ी पाए जाने पर 122 सहायक अभियंताओं की भर्तियां पहले ही निरस्त की जा चुकी हैैं। भर्तियों को लेकर भी तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खां की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।