सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से COVID-19 को महामारी घोषित किया जा चुका है। देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 119 हो गए हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के मंदिरों में श्रद्धालुओं की एंट्री पर पाबंदी लगा दी गई है। लोग दूर से ही भगवान के दर्शन कर वापस चले जाते हैं। कोरोना वायरस को देखते हुए प्रदेश के मंदिरों को आगामी आदेश तक बंद कर दिया गया है। जहां मंदिर के द्वार खुले हैं वहां सैनिटाइज करने के बाद भक्तों को दर्शन की इजाजत मिल रही है।
बंद हुए मंदिर के पट
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल सारनाथ के बौद्ध मंदिर को दो माह के लिए पर्यटकों और बौद्ध तीर्थ यात्रियों के प्रवेश के लिए बंद कर दिया गया है। प्रवेश द्वार के मुख्य गेट पर इस आशय का एक सूचना चस्पा कर ताला बंद कर दिया गया है। वाराणसी में यह पहला मामला है जहां कोरोना वायरस के डर से मंदिर में ताला लगा दिया गया है।
मंदिर के बाहर से ही दर्शन
दरअसल, तिब्बती कर्ग्यूद सम्प्रदाय का वज्र विद्या संस्थान और बौद्ध मंदिर है। इसमें लगभग 200 बौद्ध भिक्षु यहां रह कर अध्ययन और अध्यापन का काम करते हैं। बौद्ध मंदिर के भिक्षु लावांग दोनदुप के अनुसार, भिक्षुओं के अध्ययन को ध्यान में रखते हुए वज्र विद्या संस्थान में जब तक कोरोना वायरस रहेगा, तब तक विदेशी और भारतीय पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। सारनाथ के खजुही स्थित वज्र विद्या संस्थान के मुख्य गेट पर लगा कोरोना वायरस के चलते पर्यटकों के आगमन पर रोक लगा दी गई है। सूचना देखकर लोग मंदिर के बाहर से ही सिर झुकाकर वापस चले जाते हैं।
बैनर से संदेश
श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में मंदिर के बाहर बैनर लगाकर कोरोना से सतर्कता बरतने का संदेश दिया जा रहा है। वहीं वृंदावन के इस्कॉन मंदिर ने दो महीने के लिए विदेशी पर्यटकों की एंट्री बंद कर दी है। इससे पहले होली पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान की ओर से जुकाम, खांसी और बुखार से पीड़ित श्रद्धालुओं से लट्ठमार होली के आयोजन में न आने की अपील की गई थी।
मध्य प्रदेश के दतिया स्थित धार्मिक स्थल पीतांबरा पीठ के पट भक्तों के लिए 18 मार्च से पांच अप्रैल तक बंद कर दिए जाएंगे। इस बीच चैत्र नवरात्र में श्रद्धालु मंदिर में मां के दर्शन नहीं कर सकेंगे। मंदिर की ट्रस्टी अनुराधा ने बताया कि चैत्र नवरात्र पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस बार श्रद्धालुओं के लिए पट बंद रहेंगे। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर ने 31 मार्च तक श्रद्धालुओं के भस्म आरती में शामिल होने पर रोक लगा दी है।
हवन पूजन से दूर करेंगे कोरोना
मंदिरों में कोरोना वायरस को स्वाहा करने के लिए हवन पूजन कर किया जा रहा है। अयोध्या स्थित तपस्वी छावनी के महंत परम हंस दास ने कोरोना से मुक्ति के लिए महायज्ञ किया। साथ ही अन्य संत-महंतों से भी अपील करते हुए कहा कि कोरोना को खत्म करने के लिए अपने मठ-मंदिरों पर वैदिक मंत्रोंउच्चारण के साथ औषधि युक्त लकड़ियों के द्वारा हवन पूजन करें। ताकि, कोरोना के बैक्टीरिया हवन-पूजन से समाप्त हो जाएं। इससे पहले राजधानी लखनऊ स्थित मनकामेश्वर मंदिर में भी कोरोना सहित सभी वायरस को स्वाहा करने के लिए मंदिर परिसर में सामूहिक हवन किया गया।