सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊः कोरोना संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिये सोशल डिस्टेसिंग की जरूरत पर बल देते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फसल कटाई पर जुटे किसानों को दूरी बनाते हुए गमछा लपेट कर काम करने की जरूरत है।
योगी ने शनिवार को अपने आवास पर आहूत समीक्षा बैठक में कहा कि जिलाधिकारी की जिम्मेदारी है कि उनके क्षेत्र में लाकडाउन के दौरान कोई भूखा न रहे। नियंत्रण कक्ष 24 घंटे अपनी सेवाये जारी रखें। उन्होंने कहा कि जरूरी वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति बनी रखने के आवश्यक है कि सप्लाई चेन में किसी प्रकार की रुकावट न आए। किराना की दुकानों में जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिससे आमजन को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी के क्रम में कृषि यंत्रों तथा उर्वरक की दुकाने खोली जाये। किसान अपने खेतों में आवश्यक दूरी बनाते हुए मुंह पर गमछा लगाकर काम करें। इसके लिए उन्हें जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी मण्डलों में एल-3 लेवल के अस्पताल स्थापित किए जाएं। माइक्रोबायोलॉजिस्ट की सेवाएं लेकर टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाया जाए। राज्य में वेंटिलेटर निर्माण प्रक्रिया को तेज किया जाए और सभी जिलों में आइसोलेशन वॉर्ड्स की संख्या में वृद्धि की जाए।
योगी ने कहा कि आपदा के कारण बन्द हुए निजी विद्यालयों व चिकित्सालयों में किसी का वेतन न रोका जाए। सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें। उन्होने सभी विधानसभा सदस्यों तथा विधान परिषद सदस्यों से अपील की है कि वे अपनी विधायक निधि से 01 करोड़ रुपए तथा एक माह का वेतन इस फण्ड के लिए दें। उन्होंने कहा कि इस फण्ड के माध्यम से टेस्टिंग लैब्स, पीपीई किट, वेंटिलेटर, आइसोलेशन वॉडर्, मास्क तथा टेलीमेडिसिन सुविधा के साथ-साथ एल-1, एल-2 तथा एल-3 स्तर के अस्पतालों की स्थापना की जायेगी।