राम जनम यादव की रिपोर्ट
लखनऊ : भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान ने कहा कि किसान अपने हक के लिए आन्दोलन कर रहा है और सरकार उनको खालिस्तानी अथवा आतंकवादी बता रही है, इस स्थिति मे चाहे किसान हों ऐसे छात्र हों चाहे देश का आम आदमी ही क्यों ना हो जो अपने हक और अधिकार को मांगने के लिए आन्दोलन करता है या अपनी आवाज उठाता है तो उसको आतंकवादी, दंगाई, टुकड़े-टुकड़े गैंग कहकर अपमानित करना कहां तक उचित है ।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि जो किसान खालिस्तान के नारे लगा रहे हैं पहले सरकार उन्हे चिन्हित कर ले फिर जो चाहे इल्जाम लगायेे सजा दे चाहे तो गोली मार दे किसान उसका सपोर्ट बिल्कुल नहीं करेगा। जबरदस्ती किसानों को देशद्रोही कहना सरकार के चरित्र को दर्शाता कि उसकी मंशा क्या है, किसान अपनी बात कहने के लिए सड़कों पर लेटा है इन कृषि बिलों का विरोध कर रहा है सरकार किसानो का कहना क्यो नही मान रही है?
अपनी नाकामी को छिपाने के लिए सरकार किसानों को देशद्रोही क्यो बता रही है ये भाजपा सरकार को सोचना चाहिए ?
सरकार को चाहिए कि किसानो के बिच में जाकर किसानों से बातचीत करे और किसान की बात रखे यह आन्दोलन खत्म हो जायेगा और आगे ये भी कहा कि हम किसान आन्दोलन कर रहे हैं इसके आगे सरकार को झुकना पड़ेगा क्योंकि यह सरकार किसानों ने बनाई है और किसानों का कहना मानना पड़ेगा क्योंकि किसानों ने अपना वोट देकर माननीय नरेंद्र मोदी जी को सत्ता की कुर्सी पर बैठाया है और अगर मोदी जी किसानों कि बात नहीं मानेंगे तो किसान मोदीजी को कुर्सी पर बिठाना जानता है तो कुर्सी से उतारना भी जानता है आपको किसानों कि बात माननी पड़ेगी और इस आन्दोलन में किसानों की जीत होगी और सरकार की हार होगी।