शशांक तिवारी की रिपोर्ट
प्रदेश के बेसिक शिक्षा महकमे की लापरवाही की पोल खोलने वाली साइंस की टीचर अनामिका शुक्ला के दुस्साहस की फेहरिस्त काफी लम्बी होने के बाद पाप का घड़ा फूटा गया। दो दर्जन से अधिक जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों(केजीबीवी) में साइंस टीचर के रूप में नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला की कासगंज जिले में गिरफ्तारी के साथ एक दर्जन जिलों में केस भी दर्ज हो गए हैं। एक ही दिन में इतने केस कई जिलों में शायद ही किसी अपराधी के खिलाफ दर्ज हुए हों।
यूपी में चर्चित फर्जी अनामिका शुक्ला नाम से नौकरी करती पकड़ी गई शिक्षिका न अनामिका शुक्ला, न अनामिका सिंह और ना ही प्रिया सिंह। फर्जी महिला शिक्षिका का असली नाम सुप्रिया सिंह है। पूछताछ में उसने ना केवल अपने नाम बदलकर बताए, बल्कि पता भी गलत बताया। पुलिस उसकी जानकारियों को जांच में शामिल कर रही है। पुलिस अब उसके असली नाम के पहचान पत्र को हासिल करने में जुटी है। वहीं पकड़ी गई शिक्षिका से पूछताछ करने रविवार को एसटीएफ आगरा की टीम पहुंची। दोपहर को करीब दो घंटे तक पूछताछ कर तमाम जानकारियां हासिल की। दोपहर बाद आरोपी शिक्षिका को पुलिस ने अदालत में पेश किया। जहां से कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
जैसे ही सुबह अखबारों में अनामिका शुक्ला नाम से नौकरी करने वाली महिला शिक्षिका की फोटो छपी और चैनलों पर उसका चेहरा दिखाई दिया। वैसे ही कायमगंज के रजपालपुर में रहने वाले उसके परिजनों को इसकी जानकारी हुई। इसके बाद परिवार के लोगों में हड़कंप मच गया। महिला शिक्षिका से परिजनों के मोबाइल नंबर पुलिस को मिले तो पुलिस ने उसके नाम पते को लेकर जांच करनी शुरू कर दी। कोतवाली प्रभारी सोरों रिपुदमन सिंह ने बताया कि, पकड़ी गई महिला शिक्षिका का नाम सुप्रिया सिंह पता चला है, वह कायमगंज के समीप गांव रजपालपुर के निवासी महीपाल सिंह की पुत्री है। पुलिस की टीम गांव में जांच करने पहुंची थी।
शासन से निर्देश के बाद रविवार दोपहर को एसटीएफ टीम सोरों कोतवाली पहुंची। यहां कोतवाली में बंद फर्जी शिक्षिका सुप्रिया सिंह से एसटीएफ ने काफी देर तक जानकारियां हासिल कीं। कोतवाली प्रभारी रिपुदमन सिंह ने बताया कि एसटीएफ की पूछताछ पूरी होने के बाद सुरक्षा के बीच आरोपी शिक्षिका को कोर्ट के समक्ष पेश किया। कोर्ट ने आरोपी महिला शिक्षिका को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए। जिस पर पुलिस उसे जिला जेल ले गई।
इस संबंध में एसपी सुशील घुले ने बताया कि आरोपी शिक्षिका से पूछताछ कर ली है। सोरों पुलिस ने आरोपी शिक्षिका को न्यायालय में पेश किया था, जहां से न्यायालय के आदेश पर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस मामले में पुलिस की टीमें जांच के लिए गई स्थानों पर भेजी गई हैं। जांच चल रही है, पूछताछ में जिन लोगों के संपर्क फर्जी शिक्षिका के मामले में पता चले हैं उन्हें चिह्नित कर जांच की जाएगी।
“राज” का राज भी
अनामिका की नौकरी लगवाने वालों में मैनपुरी निवासी राज नाम के युवक का नाम सामने आया है। ये राज कौन है? मैनपुरी में कहां रहता है? उसने किस प्रकार अनामिका को शैक्षिक अभिलेख उपलब्ध कराए हैं? जैसे तमाम सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं। पहले अनामिका को मैनपुरी का निवासी होने की बात सामने आई। कासगंज में पकड़ी गई प्रिया ने पुलिस को बताया कि मैनपुरी निवासी राज ने एक लाख रुपये में उसे अभिलेख उपलब्ध कराए थे, उसी ने नियुक्ति पत्र भी दिलवाया था।