संगीता चौरसिया की रिपोर्ट
लखनऊ। सुहागिन महिलाओं का त्योहार करवा चौथ की पूर्व संध्या पर मंगलवार को उत्तर प्रदेश के अलग अलग शहरों में बाजार और माल ग्राहकों की भीड़ से गुलजार नजर आये वहीं अधिसंख्य स्थानो पर कोविड प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ती दिखीं।
लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज और बस्ती समेत अधिसंख्य जिलों में करवा चौथ से पहले बाजार में त्योहारों की रंगत लौटती दिखी। कोरोना संक्रमण काल के दौरान पिछले सात महीनो से कारोबार में छायी मंदी के बादल लाकडाउन की बंदिशे हटने के बाद भी नहीं छट सके थे। कपड़ा और सौंदर्य प्रसाधन के दुकानदार सारा दिन व्यस्त नजर आये जबकि ब्यूटी पार्लर में भी महिलाओं की कतारें नजर आयी। मेहंदी लगाने वाले फुटपाथ पर ही दुकान सजाये बैठे थे जहां कतारबद्ध होकर महिलायें हथेलियों को सजने संवारने में जुटी थी।
इस दौरान बड़ी संख्या में महिलायें और उत्साहित दुकानदारों ने कोविड प्रोटोकाल को नजरअंदाज किया और कोरोना के खतरे की परवाह किये बगैर लेनदेन करते दिखे। लखनऊ में इंदिरानगर के भूतनाथ माकेर्ट, अमीनाबाद,हजरतगंज और निशातगंज में ग्राहकों की संख्या आमदिनो की अपेक्षा कई गुनी थी। बाजार में साड़ी,सूट वाली दुकाने ग्राहकों से गुलजार दिखी वहीं ज्वैलरी शाप में गहनो के कद्रदान भी कुछ कम नहीं थे। हजरतगंज में एक साड़ी कारोबारी ने बताया कि डिजाइनर साड़यिों की बिक्री में पिछले महीने की तुलना में 52 फीसदी तक की बढोत्तरी दर्ज की गयी है। पिछले तीन दिनो से व्यापार में अचानक से तेजी देखने को मिल रही है जिससे लगता है कि महीनो का सूखा इस त्योहारी मौसम में दूर हो जायेगा।
निशातगंज में एक सौंदर्य प्रसाधन के दुकानदार नसीम ने कहा कि चूड़ी, नग वाले कंगन, बिंदी, नेल पालिश और लिपिस्टिक की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। महिलायें साड़ी से मैच करती हुये सौंदर्य प्रसाधन खरीदने मेें खासी दिलचस्पी दिखा रही हैं।
कानपुर के गोविंदनगर,पी रोड,नवीन माकेर्ट और लालबंगला समेत अधिकतर बाजार महिला ग्राहकों से आबाद नजर आ रहे हैं। गोविंदनगर में ब्यूटीशियन सिम्मी अरोड़ा ने कहा कि करवा चौथ पर महिलायें सजने सवरंने का कोई मौका छोडना नहीं चाहती। यही कारण है कि आज दिन से ही उनके पार्लर में महिलाओं की लाइन लगी है।
कोरोना के कारण कई महिलायें पार्लर की बजाय घर पर ही ब्यूटीशियन को बुला रही है। उन्होने बताया कि होम सर्विस के लिये जेब कुछ ज्यादा ढीली करनी पड़ती है। इसके लिये उन्होने एक्सपटर् कारीगरों की विशेष टीम बनायी है। इसके बावजूद उन्हे कई ग्राहकों को समय की कमी की वजह से निराश करना पड रहा है।
उधर, मिट्टी के डिजाइनर करवों के अलावा पीतल और चांदी के करवे की भी खरीद फरोख्त जम कर हो रही है। कुम्हार भी रंग बिरंगे करवे बेचकर खूब चांदी काट रहे है जबकि बर्तन व्यवसायी पीतल और स्टील के करवों से कमाई कर रहे है। वहीं सररफ ने महिलाओं को आकर्षित करने के लिये आभूषणों के अलावा चांदी के करवे अपने शो केस में लगा रखे हैं।