“कानपुर पुलिस ने एक बार फिर पत्रकारिता को कलंकित करने वाले प्यादो को गिरफतार किया जबकि सरगना अब भी पुलिस पकड़ से दूर”
आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ। आज पत्रकारिता का लबादा ओढ़कर किस तरह से उसे कुछ लोग कलंकित करने में उतारु है कि उनके इन कुकृत्यों से समाज में सर उठा कर चलने वाले सही मायने में जो कलम के धनी हैं कलम के पुजारी है वह भी शर्मशार हो जाते हैं जबकि वह आज भी बेदाग छवि के है।
आज के कुछ दिन पहले सेक्स रैकेट कांड में चार फर्जी पत्रकार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए उनके बाद आज कानपुर पुलिस ने पुनः एटीएम हैकरों को गिरफ्तार किया जिनके पास से अयोध्या टाइम्स के आईडी कार्ड (परिचय)पत्र बरामद हुए हैं ।
लोगों का कहना है कि यह तो प्यादे है असली मुलजिम तो कोई दूसरा है जो इन्हें कार्ड जारी करता है उसकी खुद कंप्युटर की दुकान है खुद ग्राफ्सिक कर फर्जीवाड़ा कर लोगों से पैसे लेकर कार्ड जारी करता है जबकि हकीकत यह है कि वही इन सारे अपराधिक कार्यो का मास्टर माइंड है लेकिन लगता है कि पुलिस की कार्यवाही प्यादो तक ही सिमट कर रह गई है और वजीर खुला घूम रहा है । देखना यह होगा कि पत्रकारिता को बदनाम करने वाले इस जिसका जनचर्चाओं में ब्रजेश मौर्य अयोध्या टाइम्स के संपादक है का नाम उछल कर सामने आ रहा है के गिरेबान में कब तक हाथ पहुंचते हैं।