कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ: बीते दिनों राजधानी लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद यूपी सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है। सीएम योगी के आदेश पर उपद्रवियों के पोस्टर लखनऊ के हर चौराहे पर लगाए जा रहे हैं। कई आरोपियों को संपत्ति नुकसान की वसूली का नोटिस भी दिया जा चुका है।
बता दें कि लखनऊ के हजरतगंज चौराहे के अलावा इस तरह के पोस्टर शहर के कई अन्य इलाकों में लगाए गए हैं। वहीं अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा इन इलाकों में पहुंचे। जिसके बाद पोस्टर दिखाते हुए मोहसिन रजा ने कहा कि ये उन उपद्रवियों की तस्वीरें हैं, जिन्हें हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने चिन्हित किया है।
उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने कहा था कि हम सीएए विरोध के नाम पर उपद्रव करने वालों को बेनकाब करेंगे, तो ये वो उपद्रवी चेहरे हैं, जिन्होंने प्रदेश की जनता को नुकसान पहुंचाया है। रजा ने कहा कि योगी सरकार में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है।
पूर्व आईपीएस दारापुरी करेंगे हाईकोर्ट का रूख
जानकारी मुताबिक 19 दिसंबर को लखनऊ में हुई हिंसा के आरोप में पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी समेत 57 लोगों की तस्वीरें सार्वजनिक की गई है। मामले में एसआर दारापुरी का कहना है कि हमें कोई नोटिस नहीं मिली है। हम मानहानि का दावा करेंगे। दारापुरी ने कहा कि होली बाद हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे। उनका कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है। एडीएम को इस तरह का पावर नहीं होता। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अभी हमारा दोष सिद्ध नहीं हुआ है। न्यायालय में चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। हम इस लड़ाई को आगे तक लड़ेंगे।