सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ। रामपुर सीट से सपा सांसद और पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हालांकि आजम उनकी पत्नी और बेटा अब्दुल्ला तीनों इस समय सीतापुर की जेल में बंद हैं। इस बीच आजम के बेटे अब्दुल्ला पर एक और शिकंजा कसा गया है। मुख्य लेखा अधिकारी ने अब्दुल्ला को नोटिस जारी कर विधायक रहते हुए वेतन और भत्ते के रूप में लिए गए 65 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया है।
बता दें कि अब्दुल्ला खान ने 2017 में हुए विधानसभा उपचुनाव में स्वार विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जहां से जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद अब्दुल्ला खान पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगने लगा। उपचुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने हाईकोर्ट में एक रिट दायर की थी। इसमें कहा गया था कि अब्दुल्ला फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा है। मामले में हाईकोर्ट ने प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी को देखते हुए विधायकी रद कर दी थी।
फरवरी 2020 को रिक्त हुई थी विधानसभा सीट
हाईकोर्ट के आदेश के बाद आजम के बेटे अब्दुल्ला की विधायकी रद की गई तो फरवरी 2020 में इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। विधानसभा सचिवालय के उप सचिव और मुख्य लेखाधिकारी अनुज कुमार पांडे ने अब्दुल्ला आजम को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि उन्होंने विधायक रहते हुए वेतन भत्ते और अन्य सुविधाओं के रूप में 65 लाख 68 हजार 713 रुपये का इस्तेमाल किया है। इस धनराशि की वसूली होनी है। इसे तीन माह के अंदर जमा कर दें। उन्होंने बताया कि अब्दुल्ला से जो राशि की वसूली होगी उस रकम को सरकारी कोष में जमा कराया जाएगा।