रिपोटर-मोहित गुप्ता
लखनऊ रोड पर नानकगंज ग्राट में अवैध मारुति शोरूम ट्रस्ट की जमीन पर बना हुआ है। दरअसल 1987 में संजीव अग्रवाल के पिता स्वर्गीय राधेश्याम अग्रवाल ने नियमविरुद्ध सरकारी भूमि को ज्ञानयोग धर्मार्थ ट्रस्ट के लिए आवंटित करा ली थी।इस जमीन पर गरीबो का अस्पताल बना हुआ था।
वर्ष 2010 में संजीव अग्रवाल ने अपनी मां कौशल्या देवी व अपने पुत्रों यश वर्धन अग्रवाल,सूर्य वर्धन अग्रवाल व अपने एक रिश्तेदार प्रदीप अग्रवाल के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर ट्रस्ट की जमीन पर अपने ही पुत्रो की फ्लोर मिल का कर्जा दिखा कर ट्रस्ट की जमीन को अपने ही पुत्रो को बैनामा कर दी थी।
तत्पश्चात संजीव अग्रवाल के पुत्रों ने गरीबो के लिए बने ट्रस्ट के अस्पताल को तुड़वा कर अपना अवैध मारुती शोरूम कांसेप्ट कार बनवा डाला।
वर्ष 2010 से लेकर आजतक कई शिकायत हो चुकी लेकिन राजनीतिक दवाब के चलते आजतक कोई भी प्रभावी कार्यवाही इस शोरूम पर नही हो सकी थी।
समय बदला तस्बीर बदली भाजपा की सरकार में एक युवक ने गरीबो के अस्पताल को पुनः बनवाने का बीड़ा उठाया तो युवक द्वारा पहली शिकायत करने पर उस पर झूठा मुकदमा पंजीकृत करवा दिया गया।
तीन साल तक लगातार युवक की शिकायत पर जब उच्च स्तरीय अधिकारियों ने अवैध मारुति शोरूम पर कोई कार्यवाही नही की तब युवक वर्ष 2021 में उच्च न्यायालय की शरण मे चला गया गरीबो के अस्पताल को बनवाने की मुहिम की कानूनी लड़ाई को हाई कोर्ट के अधिवक्ता कृष्णा कुमार सिंह निशुल्क पैरवी कर रहे है।
हालांकि जिन शोरूम के मालिक ने युवक पर झूठा मुकदमा पंजीकृत कराया था वही शोरूम के मालिक यश अग्रवाल शिकायतकर्ता से मिलने की मिन्नते वाइरल ऑडियो में करते हुए सुनाई पड़ रहे थे।
उच्च न्यायालय ने प्रकरण को संज्ञान में लेकर आयुक्त से जवाब मांगा है आयुक्त महोदय ने जिलाधिकारी हरदोई को जांच हेतु निर्देशित किया है।
अब देखना यह है कि क्या उच्च न्यायालय के दखल के बाद कोई कार्यवाही हो पाती है या नही आखिर ट्रस्ट की जमीन को फर्जीवाड़ा कर हड़पने वालो पर कार्यवाही कब होगी और अवैध शोरूम की जगह पर पूर्व की भांति अस्पताल कब बन पाएगा यह बड़ा सवाल है।