“पुजारी ने कुछ दिनों पहले ही बोला था कि मेरी इच्छा पूरी नहीं हुई तो मुझे मजबूरन मौत को गले लगाना होगा “
सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
जहां एक तरफ योगी सरकार यह दावा करती है कि हमारी सरकार में किसी भी गरीब लाचार के साथ कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उसको प्रताड़ित नहीं कर सकता, तो दूसरी तरफ अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर जीवन लीला समाप्त करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है।
इसी सिलसिले में एक मामला काकोरी विकासखंड के बड़ागांव मजरे के गदाई खेड़ा गांव का है, जहां पर महिला ग्राम प्रधान के दबंग पति व उनके पुत्र और ब्लॉक के कुछ अधिकारियों एवं क्षेत्रीय पुलिस की प्रताड़ना से तंग पीड़ित, जोकि मंदिर का पुजारी था उसने नीम के पेड़ से फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
काकोरी कोतवाली क्षेत्र के बड़ागांव मजरे के अंतर्गत गदाई खेड़ा जहां पर मंदिर के बगल में शौचालय के निर्माण से परेशान भगवानदीन (56) ने फांसी लगा ली। बताया गया है कि भगवानदीन उस मंदिर के पुजारी भी थे।
पुजारी की पुत्री सीता ने बताया कि “गांव के बाहर हमारा खंडेश्वर मंदिर बना हुआ है। उनके पिता उसी मंदिर पर पुजारी (सेवादार) थे और मंदिर के आस पास की जमीन ट्रस्ट के नाम पर है। लेकिन उस जमीन पर महिला ग्राम प्रधान संतोष कुमारी के दबंग पति देशराज यादव व प्रधान पुत्र नरेंद्र यादव ने मृतक भगवानदीन से जमीन को खाली कराने और उस जमीन पर शौचालय निर्माण करवाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को एक मोटी रकम देकर क्षेत्रीय लेखपाल सचिव आलोक कुमार गुप्ता एडीओ पंचायत कमलेश कुमार वर्मा और और घुरघुरी तालाब के चौकी इंचार्ज विनीत सिंह की मिलीभगत से मंदिर ट्रस्ट की जमीन को खाली कराने के लिए लगातार उनको प्रताड़ित करते थे। बताया जा रहा है कि चौकी पर तैनात सिपाही घर में घुसकर पुजारी के बच्चों से अभद्र भाषा का प्रयोग करते थे और कहते थे कि अपने पिता को समझा लो नहीं तो अच्छा नहीं होगा।
यही नहीं जब पुजारी ने अपने ऊपर हो रहे अत्याचार की शिकायत ऊपर बैठे आला अधिकारियों से की तो महिला ग्राम प्रधान के नाराज पति देशराज यादव और पुत्र नरेंद्र यादव रात में पुजारी के घर गए और धमकाने लगे कि तुम इस जमीन को छोड़ दो वरना तुम को जान से मार देंगे। जिससे पीड़ित अपने बच्चों को लेकर बहुत परेशान हो गया और अपने आप को मंदिर के बाहर नीम के पेड़ से फांसी लगा ली।
जब उसके घर वाले सुबह 5 बजे उठे तो देखा कि वह फांसी पर लटक रहे थे। जिसकी सूचना घर वालो ने पुलिस को दी और मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को अपने कब्जे में लेकर पो्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं मृतक पुजारी के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने प्रधान पति पुत्र और प्रसनिक अधिकारियों के नाम भी लिखे है जिसमें उसने धमकाने का भी आरोप लगाया है।
पुजारी के द्वारा आत्महत्या किए जाने से नाराज सासंद कौशल किशोर ने पुलिस अधिकारियों को ये सख्त आदेश दिया है कि इस मामले में जो भी दोषी हो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सांसद ने कहा कि उन्होंने पुजारी के द्वारा उक्त जबरन निर्माण की सूचना पर पुलिस से हस्तक्षेप करने को कहा था लेकिन प्रधान पति पुत्र की दबंगई के चलते पुलिस ने अनदेखी की जिससे आज यह घटना हो गई।
अब देखना यह है कि पुजारी को मानसिक प्रताड़ना देने वाले दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या फिर ये लोग अपने पद और पैसे के बल पर बच जाएंगे और फिर किसी के साथ इस तरह के मामले करते रहेंगे तो वहीं दूसरी तरफ मृतक पुजारी के परिवार को साहस बांधते हुए और मृतक को न्याय दिलाते हुए अहिंसा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार सिंह राजपूत अपनी पूरी टीम के साथ लगे रहे ताकि पीड़ित परिवार को उचित न्याय मिल सके और दोषियों पर कार्रवाई हो सके।