शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ/इटावा। अखिल भारतीय दोहरे समाज महासंघ के प्रदेश प्रभारी अनिल दोहरे ने बताया कि माननीय अखिलेश यादव जी से उनकी पहली मुलाकात अचानक एक हवाई यात्रा के दौरान हुई थी हम लोग एक दूसरे के ठीक आमने सामने बैठे थे। दिल्ली से लखनऊ तक के सफर में तमाम राजनैतिक विषयों पर वार्ता होने के उपरांत माननीय अखिलेश यादव जी ने मुझे लखनऊ कार्यालय पर मुलाकात करने को कहा । 17 जनवरी 2020 को मैंने अपने तमाम साथियों के साथ समाजवादी पार्टी का दामन थामा और क्षेत्र की जनता की सेवा में लीन हो गया।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के समय टेलीविजन पर प्रवासी मजदूरों की दयनीय हालत देखकर मुझसे रहा नही गया और मैंने बकेवर हाइवे पर प्रवासी लाचार एवं मजबूर मजदूर श्रमिकों के लिए सुबह से साम तक पूड़ी, सब्जी, फल, बिस्किट, नमकीन, शीतल जल, मास्क,सेनेटाइजर लेकर आर्थिक सहायता तक देकर हर सम्भव मदद की। सड़क पर हजारों राहगीरों को भोजन कराने के उपरांत मुझे बहुत सुखद अनुभूति हुई ।
अनिल दोहरे ने कहा कि मैंने माननीय अखिलेश यादव जी के जन्मदिवस को एक अनोखे ढंग से मनाने का प्रयास किया, मैंने उनके जन्मदिन के थैले प्रिंट करवाकर अपने आवास पर सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ केक काटने के उपरांत प्रिंटेड थैले में लड्डू व फल भरकर अस्पताल में एवं अजनबी राहगीरों को वितरित किये तत्पश्चात समाजवादी पार्टी एवं अखिल भारतीय दोहरे समाज महासंघ के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के घरों पर नेमप्लेट लगाने का कार्य भी लगातार किया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य दलों निकलकर आने वाले हजारों साथियों को समाजवादी पार्टी की सदस्यता एवं सक्रिय सदस्यता दिलवाने का कार्य भी तेज गति से किया जा रहा है। फिर अचानक मेरे मन मे विचार आया कि क्षेत्र में कुछ काबिल और होनहार छात्र पुस्तकों के अभाव में तैयारी नही कर पाते हैं और सरकारी नौकरी से वंचित रह जाते हैं। मैंने क्षेत्र के ऐसे सभी छात्र छात्राओं को चिन्हित करवाकर रेलवे, लेखपाल, पुलिस, पीएसी, टेट, सुपर टेट, इत्यदि से लेकर आईएएस,पीसीएस तक की पुस्तकें निःशुल्क वितरित करने का फैसला लिया। अभी तक क्षेत्र के ऐसे लगभग 50 छात्रों को चिन्हित कर पुस्तकें दी जा चुकी हैं। और आगे भी हमारे साथी ऐसे छात्र छात्राओं को चिन्हित करने का काम कर रहे हैं, और आगे भी इसी तरह से जनता के बीच रहकर उनकी सेवा करते रहेंगे। अनिल दोहरे ने कहा कि शिक्षा मानव विकास एवं देश को सर्वोपरि बनाने का मूलमंत्र है इसके अभाव में कुछ भी सम्भव नहीं है, इसलिए हम शिक्षा के हित में हरसम्भव प्रयास करेंगे। हमारे सभी जनसेवा से सम्बंधित कार्यों का चित्र सहित विवरण लखनऊ स्थित कार्यालय मंगवाया गया और अध्यक्ष जी ने सभी चित्रों का अवलोकन करने के उपरांत हमें एक स्वहस्ताक्षरित धन्यवाद पत्र भी भेजा। जिसे पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा । हम राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नक्शे कदम पर चलकर इसी तरह से जनता की सेवा के लिए तत्पर रहेंगे । उन्होंने कहा कि सच्चे दिल से जनता की सेवा करने में जिस आनंद की अनुभूति होती है वो दुनियां के किसी कार्य में नहीं हो सकती। आप सभी का यही प्रेमपूर्ण स्नेह हमें ये सब करने के लिए प्रेरित एवं उत्साहित करता है।