लखीमपुर-खीरी. गौरीफंटा बार्डर से सट कर बह रही मोहाना नदी घाटों से रोजाना लाखों रुपये के प्रतिबंधित माल की तस्करी को तस्कर अंजाम दे रहे हैं। इतना ही नहीं सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए नेपाली माफिया नदी पर अवैध पुल भी तैयार कर देते हैं जो तस्करी के लिये निर्धारित समय के बाद रातों रात ध्वस्त भी कर दिया जाता है। खास बात तो यह है कि गौरीफंटा के प्रमुख मार्ग पर जहां तस्करी की कोई सम्भावना नही है वहां एसएसबी द्वारा गहन चेकिंग के साथ सीसीटीवी लगा रखे हैं, और जिन जंगल व नदी घाटों के रास्तों पर तस्करी के अवैध धंधे को अंजाम दिया जाता है वहां गस्त तक नही की जाती।
भारत-नेपाल का गौरीफंटा बार्डर तस्करी, मानव तस्करी, मादक पदार्थो की तस्करी को लेकर आये दिन चर्चा में बना रहता है। बार्डर पर इन अवैध कार्यों पर अंकुश लगाये जाने के लिये भारत व नेपाल के अधिकारी समय समय पर बैठक भी करते रहते हैं। बार्डर की सुरक्षा व्यवस्था के लिये पुलिस, एसएसबी, एलआईयू व इंटेलिजेंट ब्यूरो आदि तैनात है। उसके बावजूद भी तस्करी का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर बार्डर पर इन दिनों तैनात एसएसबी इस्पेक्टर व जवान भारतीय व नेपाली नागरिकों से आये दिन अभद्रता को लेकर चर्चा में बने रहते हैं लेकिन तस्करी को रोकने में वह भी नाकाम साबित हो रहे हैं। नेपाली तस्कर रातों रात धंधे को अंजाम देने के लिये नदी पर नेपाली सीमा में पुल भी तैयार कर लेते हैं जो कि धंधे को अंजाम देने के बाद ध्वस्त कर दिया जाता है। इन दिनों तस्कर भारत से खाद, हार्डवेयर, कपड़ा व नेपाल से चायनीज मटर व चरस आदि तस्करी को अंजाम दे रहे हैं।