अभय दूबे की रिपोर्ट
लखीमपुर-खीरी। प्रदेश स्तर पर राशन पोर्टेबिलिटी सुविधा पूर्व में ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। जिला पूर्ति अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि अपर आयुक्त, खाद्य तथा रसद विभाग द्वारा अवगत कराया है कि इसका लाभ उठाने वाले लोगों में मुख्यतः गरीब दिहाड़ी मजदूर एवं प्रवासी मजदूर वर्ग रहा है। वर्तमान समय में कोविड-19 की विषम परिस्थितियों एवं लाॅकडाउन की दशा में उत्तरप्रदेश एवं अन्य प्रदेशों में फंसे गरीब दिहाड़ी मजदूरों एवं अन्य प्रवासी मजदूरों की सुविधा हेतु वन नेशन, वन कार्ड योजना के अन्तर्गत ‘राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी’ सुविधा एक मई से लागू करने का निर्णय लिया गया है।
राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी योजना लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश का कोई भी राशन कार्डधारक प्रदेश के बाहर किसी भी उचित दर दुकान से मात्र अपनी राशन कार्ड संख्या बताकर खाद्यान्न ले सकेगा। इसी प्रकार अन्य प्रदेशों के कार्ड धारक भी उत्तर प्रदेश में किसी भी सरकारी उचित दर की दुकान से मात्र अपनी राशनकार्ड संख्या बताकर खाद्यान्न ले सकेंगे। यह सुविधा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत जारी राशन कार्डो एवं आधार आधारित वितरण तथा पिछले छह माह से सक्रिय राशन कार्डो पर ही प्रभावी होगी।
राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी सुविधा वर्तमान में उत्तर प्रदेश सहित भारत के 16 राज्यों क्रमशः आन्ध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखण्ड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट, राजस्थान, तेलगांना, त्रिपुरा, बिहार, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश राज्य तथा एक के्रन्द्र शासित प्रदेश दादरा नागर हवेली में लागू की गई है। इन राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेश के लाभार्थी आपस में इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
अतः सूचित किया जाता है कि ऐसे परिवार जिनके नाम इन राज्यों में राशनकार्ड बना है तथा वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश में है अथवा उत्तर प्रदेश में राशनकार्ड बना है, परन्तु वह उक्त राज्यों में है, तो वह ‘राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी’ सुविधा का लाभ प्राप्त करते हुए अपने कार्ड पर अनुमन्य खाद्यान्न नजदीकी उचित दर विक्रेता से प्राप्त कर सकते हैं।