सबसे अधिक कुशीनगर जनपद के लोग बन रहे नशे के आदी।
कहां गया 500 मीटर शराब की दुकान दूर करने का फरमान?
धर्मेन्द्र कुमार कन्नौजिया
युवा पीढ़ी आज के दौर में नशे की जद में जा रही है।
नशे के आदि लोगो की जो हालत है वह आप देख सकते हैं धीरे धीरे नशे की लत किसी दिन घातक बन जाता है।आज पूर्वांचल में लगभग 40%नाबालिक लड़के लडकिया नशे की दवाएं और शराब का सेवन कर अपनी जीवन खराब कर रहे है।पुलिस विभाग में भी पुलिस महकमे में भी वर्दी धारण कर शाम को मॉडल शाप पर देखे जातें है,जहा एक मेस्तर से लेकर बाबू और वकील से लेकर फकीर तक शराब और नशे की गोलियों का सेवन कर रहे है।पुरुष वर्ग ज्यादा तर मजदूर लोग दिनभर काम कर शाम को घर लौटते समय घर का सामान खरीदने से पहले अपनी नशे की व्यवस्था पहले करते है।घर जाने के बाद गांव मुहल्ले में शोर शराबा मार पीट की घटनाओं में नशे का मुख्य रोल सामने आता है।
8 से 15 साल तक के बच्चों में शूलेशन जैसे घातक पेस्ट को अपनाते है जो घर मे चोरी बाहर चोरी करते पकड़े जाते है।थाने पर अक्सर इस तरह की सैकड़ों केश आती है जहां बिना किसी कार्यवाही के उन्हें छोड़ दिया जाता है जो आगे चलकर बड़े लुटेरे बन सबके लिए सरदर्द बन जाते है।
कोर्ट ने एक बार सरकारी शराब की दुकानों को सड़क से 500मीटर दूर स्थापित करने का आदेश दिया था लेकिन कोर्ट के आदेशों का कहि कोई अनुपालन नही हुआ है सड़को पर शराब की दुकान चल रही है जहां चोर बदमाश शराब की दुकान पर शराब पीने पहुंचते है।आस पास के दुकानदारों को बड़ी परेशानी होती है पर वह दुकानदार चुपचाप खामोश रहता है कारण साफ है शराब की दुकान पर शराबी आते है और शराबी कब क्या कर बैठे इसी डर से आम जनता शराबियों के शिकार हो रही है और पुलिस कुछ भी नही कर पाती।
यह ऐसा नही की पुलिस नही जानती पुलिस जानती है पुलिस के पास अगर किसी बदमाश शराबी के खिलाफ कोई पीड़ित शिकायत करता है तो पुलिस यह कह कर टाल देती है कि साहब पिया है क्या किया जाय सुबह होते ही वह सब कुछ भूल जाता है।जब कि सच यह है कि जब जब गांव या शहरों में कोई वारदात होती या मर्डर होती है तो उसमें नशे का शेवन कर के ही घटनाओं का दिया जाता है अंजाम।