रिपोटर-अनिल कुमार
कानपुर में पुलवामा के शहीदों की दूसरी बरसी पर रविवार को डेरापुर के रैंगवा गांव में शहीद श्यामबाबू को श्रद्धांजलि देने लोग उमड़ेंगे। गांव में ही शहीद की प्रतिमा का अनावरण किया। साथ ही शांति पाठ का आयोजन इसके लिए पूरा परिवार व रिश्तेदार एक दिन पहले ही गांव पहुंचे।
दो वर्ष पूर्व 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ 115 बटालियन में तैनात डेरापुर रैंगवा निवासी श्यामबाबू अपने साथियों संग आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। उनका शव जब घर आया था तो गांव ही नहीं पूरा जिला उनकी याद में उमड़ पड़ा था। हर हाथ में तिरंगा और शहीद श्यामबाबू अमर रहे की गूंज थी।
रविवार को फिर से यहां लोग एकत्र होकर शहीद श्यामबाबू को याद कर श्रद्धांजलि दी। पिता रामप्रसाद, मां कैलाशी व भाई कमलेश का कहना है कि उनके बेटे ने अपनी जान देकर देश की हिफाजत की और परिवार का नाम रोशन किया है इसका उन्हें गर्व है। आज भी बेटे की याद आती है, लेकिन उसकी शहादत से बढ़कर कुछ नहीं है। वहीं शहीद की पत्नी रूबी कहती हैं कि उनके पति का सम्मान लोग दिल से करते हैं यही उनके लिए सबसे गर्व की बात है।
परिवार ने अपने खर्च से प्रतिमा बनवाई है। इसके लिए किसी से कोई मदद नहीं ली गई वहीं स्मारक भी परिवार ने अपने खर्च से बनवाया था। अभी शहीद द्वार, पार्क समेत सड़क के कई काम बाकी हैं जिसका आश्वासन जनप्रतिनिधियों ने दिया था।