देवेश कटियार की रिपोर्ट
कन्नौज-कोरोना पॉजिटिव युवक 10 दिन इलाज के बाद ठीक हो गया। एंबुलेंस से स्वास्थ्यकर्मी उसे घर ले गए लेकिन माता, पिता, भाई और बहनों ने घर में नहीं घुसने दिया। स्वास्थ्यकर्मियों ने पुलिस की मदद ली तो ग्रामीण विरोध पर उतर आए। चौकी पुलिस ने एसपी को सूचना दी तो उन्होंने मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दे दिया। इसके बाद परिवार के लोग मान गए और युवक को घर में ही अलग कमरा देकर क्वारंटीन कर दिया गया।
सदर तहसील क्षेत्र के मानीमऊ-आनंदीपुर्वा गांव निवासी शिवप्रसाद का पुत्र राजेश दिल्ली से लौटा था। कोरोना जांच के लिए उसका सैंपल लिया गया। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कनपटियापुर स्थित कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया। 10 दिनों के इलाज के बाद उसकी रिपोर्ट निगेविट आई। स्वस्थ होने पर स्वास्थ्यकर्मी एंबुलेंस से राजेश को घर छोड़ने गए थे। पिता, मां, भाई और बहनों ने राजेश को घर में लेने से इनकार कर दिया। परिवार का विरोध देखकर एंबुलेंस चालक असमंजस में पड़ गया। एंबुलेंस चालक राजेश एम्बुलेंस को लेकर मानीमऊ पुलिस चौकी पहुंचा। चौकी पुलिस एंबुलेंस लेकर फिर से गांव पहुंची। स्वास्थ्य टीम ने परिवार और गांव के लोगों को राजेश की रिपोर्ट निगेटिव आने की जानकारी दी। ये भी समझाया कि राजेश स्वस्थ है, उससे किसी को कोई खतरा नहीं है। किंतु परिवार के लोग और ग्रामीण नहीं माने। ग्रामीणों का विरोध देख एंबुलेंस और पुलिस को लौटना पड़ा। मानीमऊ चौकी ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। सीएमओ डा. कृष्ण स्वरूप ने बताया कि युवक की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उसकी अस्पताल से छुट्टी की गई। अगर परिजन उसे घर में घुसने नहीं दे रहे हैं तो यह बात गलत है। एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके बाद वह मान गए, युवक को होमक्वारंटीन कर दिया गया है।