रवि तिवारी की रिपोर्ट
कन्नौज– जिले में चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं ने एक और प्रसूता की जान ले ली। दरअसल इस प्रसूता का इलाज करने की वजाय छिबरामऊ के सौ शैय्या अस्पताल से कन्नौज के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। उसके दो घण्टे बाद तो सरकारी एम्बुलेंस मिल सकी और जब शुक्रवार तड़के प्रसूता को लेकर एम्बुलेंस जिला अस्पताल पहुंची तो यहां डॉक्टर और नर्स नदारद थे। स्वास्थ्य कर्मियों से परिजन गुहार लगाते रहे। लेकिन प्रसूता को देखने के लिए कोई डॉक्टर नहीं आया। अधिक ब्लीडिंग होने के कारण महिला ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। परिजनों ने आरोप लगाया को करीब दो-तीन घण्टे तक तड़पने के बाद जब महिला मरणासन्न हो गई, तब डॉक्टर और नर्स आईं। कुछ देर बाद उन्होंने महिला को मृत घोषित कर दिया। छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के जेरकिला निवासी रामरतन की पत्नी रेखा बीती रात प्रसव पीढ़ा से परेशान थी। उसकी डिलीवरी कराने के लिए पति उसे लेकर छिबरामऊ के सौ शैय्या अस्पताल पहुंचा। जहां कुछ ही देर में डॉक्टरों ने उसे कन्नौज के जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजनों का आरोप है कि रात दो बजे एम्बुलेंस को फोन कर-कर के परेशान हो गई, तब करीब दो-ढाई घण्टे बाद एम्बुलेंस मिल सकी। इसके बाद कन्नौज तक का 45 किलोमीटर का सफर तय करने में एक से डेढ़ घण्टे का समय लग गया, इस बीच महिला ने एम्बुलेंस पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। जिसके बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई, और फिर जिला अस्पताल में घण्टों गुहार लगाने के बाद स्वास्थ्य कर्मी प्रसूता को देखने के लिए आए, तब तक उसकी मौत हो गई।
इलाज की वजाय कर दिया जाता रेफर
जिला अस्पताल हो, छिबरामऊ का सौ शैय्या अस्पताल हो तिर्वा का राजकीय मेडिकल कॉलेज। हर जगह से मरीज का इलाज करने की वजाय उसे सिर्फ दूसरे अस्पताल में रेफर करने का ही खेल चलता है। जिस कारण वह मरीज भी दम तोड़ देते हैं, जिनको समय पर इलाज देकर बचाया जा सकता है। यही वजह है कि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर हर दिन तमाम तरह के सवाल उठते हैं, लेकिन समाधान कभी निकालने के प्रयास तक नहीं किए जाते हैं।
बचाव करते दिखे सीएमएस
जिला अस्पताल के महिला विंग में तैनात स्वाथ्य कर्मियों द्वारा बरती गई लापरवाही को लेकर जब सीएमएस यूसी चतुर्वेदी से बातचीत की गई तो उन्होंने बड़ी चालाकी से प्रसूता की मौत का ठीकरा उसी के परिजनों के सिर फोड़ दिया। उन्होंने बताया कि डिलीवरी के बाद परिजनों ने महिला को कुछ खाने-पीने के लिए दिया था, जिसके बाद उसको उल्टी होने लगी और फिर उसकी मौत हो गई। हालांकि बाद में उन्होंने नर्सों की यह लापरवाही कबूल की कि उन्हें महिला डॉक्टर को सूचित कर के अस्पताल में बुलाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। हालांकि ऐसी लापरवाह नर्सों पर कार्यवाही क्या होगी, इस सवाल को भी सीएमएस ने बड़ी चतुराई से घुमा दिया।