देवेश कटियार की रिपोर्ट
कन्नौज। ब्लाक जलालाबाद के ग्राम तिलपई में लगभग एक अर्धशतक से मन्दिर परिसर(ट्रस्ट) की जमीन पर कुछ अराजकतत्वों(दबंगों)का कब्ज़ा रहा जिसके चलते ट्रस्ट में कोई भी निर्माण कार्य नही हो सका। आपको बता दें कि ग्राम तिलपई में ग्राम समाज की जमीन पर पूर्वप्रधान व् ग्रामसमाज की सहमति पर बाबा भोलेनाथ का मन्दिर बनवाया गया था।मन्दिर की देखरेख करने के लिए रामेश्वर दयाल कटियार व् उनकी पत्नी फूलप्यारी को मन्दिर का जिम्मा सौंपा गया था।रामेश्वर दयाल व् उनकी पत्नी मन्दिर की देखरेख व् पूजा- पाठ करते थे।रामेश्वर दयाल की कोई संतान न होने के कारण कुछ अराजकतत्वों ने मन्दिर परिसर में कब्ज़ा जमाना शुरू कर दिया और आयेदिन उन्हे मंदिर छोड़ने की धमकियां दी जाती थीं जिसकी चिंता में रामेश्वर दयाल खटका में रहने लगा और एक दिन वो आया क़ि वो भगवान को प्यारे हो गए।उसके बाद से मन्दिर की पूरी जिम्मेदारी उनकी पत्नी फूलप्यारी पर आ गयी और वही जुल्म उन्हें भी उठाने पड़े जो रामेश्वर दयाल उठाते-उठाते चले गए।आपको बता दें कि प्रकार कुछ अराजकतत्वों ने धीरे-धीरे पूरे मन्दिर परिसर में कब्जा कर लिया और जानवरों को बांधने लगे और ट्रैक्टर,ट्राली कल्टिबेटर व अन्य कृषि सम्बंधित यन्त्र परिसर में ही रखने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि धीरे-धीरे मन्दिर की दीवारें व् बाउंड्री जीर्ण- शीर्ण होने लगी और यहाँ तक की दबंग मन्दिर में न पूजा करते थे न ही किसी को करने देते थे।ग्रामीणों ने नया भारत दर्पण समाचार को बताया कि एक दिन अचानक मन्दिर की पुजारिन फूलप्यारी की बिना किसी बीमारी के संदिग्ध हालात में मौत हो गयी जिसका कोई ठोस कारण भी पता न चल सका।उसके बाद ग्रामसमाज के लोगों ने एकजुट होकर मन्दिर परिसर से अराजकतत्वों(दबंगों) को उखाड़ फेंका और मन्दिर परिसर की देख;रेख व् पूजा पाठ के लिए गाँव के ही स्वामी विशम्भरानंद को नया महंत बनाया।महन्तजी ने बताया कि अब मेरे आने के बाद मन्दिर परिसर में किसी भी दबंग की दबंगई नही चलेगी।उन्होंने बताया कि मैंने माया- मोह को त्यागकर यह जिम्मेदारी ली है और निडर व् निस्वार्थ होकर ये जिम्मेदारी बखूबी निभाऊंगा।महंत ने बताया कि लगभग सात बीघे भूमि भी इस ट्रस्ट में लगी है जो पैसा भूमि का आएगा उसे ट्रस्ट की टूट-फूट व् साज-सज्जा में लगाया जायेगा।ट्रस्ट का कार्यभार सँभालते हुए महंत जी ने बताया कि आज ये मन्दिर भी अपने आप को मुस्कुराता हुआ देख रहा है और ग्राम संमाज के लोगो में ख़ुशी का माहौल है कि बड़े लंबे अरसे के बाद इस धरा की पावन भूमि को दबंगों के चुंगल से छुटकारा मिल पाया है।नये महंत ने कार्यभार सँभालते ही मन्दिर परिसर में हवन आदि कराकर परिसर को शुद्ध कराया। अब मन्दिर में दिनभर लोगों का आना जाना लगा रहता है और रंगाई-पुताई का काम प्रगति पर है।महन्तजी ने यह भी कहा कि श्रीमदभागवत महापुराण का विचार विमर्श चल रहा है जैसे ही सभी की सर्वसम्मति बनेगी तो आमजनमानस को इसके बारे में सूचना दी जायेगी व् कथा श्रवण के लिए आमंत्रित किया जाएगा।