राजकुमार दोहरे की रिपोर्ट
सरकार की योजनाएं भी हाथ कागज उद्योग के लिए हो रही हैं नाकाफी
कालपी (जालौन)। कालपी नगर सदियों से लघु एवं कुटीर उद्योगों के लिए विख्यात रहा है यहां पर 3 तरह के लघु एवं कुटीर उद्योग काफी समय से प्रचलित रहे हैं लेकिन इनमें से दो कुटीर उद्योगों का यहां से लगभग सफाया हो चुका है मात्र एक कागज उद्योग ही ऐसा बचा था जिससे कालपी को हाथ कागज का हम माना जाता रहा है लेकिन बिक्री की समस्या से जूझ रहा हाथ कागज उद्योग भी अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है।
कालपी को एक समय में लोग कागज कपड़ा हुआ कालीन उद्योग के नाम से जानते थे गत नहीं थे। प्रमुख उद्योग कालपी में हाथ कागज उद्योग था एक समय में कालपी में बने हाथ कागज की बहुत डिमांड थी वर्ष 1990 तक कालपी में बने हाथ कागज की आपूर्ति खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा करके सरकारी कार्यालयों में की जाती थी लेकिन वर्ष 1990 के बाद से कालपी में बनने वाली फाइल कवर , फाईल बोर्ड व अन्य बनने वाले कागज की सरकारी आपूर्ति बंद कर दी गई जिससे कालपी में हाथ कागज की बिक्री को लेकर समस्या खड़ी हो गई इस बीच तमाम हाथ कागज उद्यमियों को अपनी फैक्ट्रियों को बिक्री की समस्या को लेकर बंद करना पड़ गया उस समय कालपी में करीब 200 हाथ कागज उद्योग स्थापित थे। तमाम हाथ कागज उद्यमियों को बिक्री की समस्या को लेकर अपने उद्योग बंद करना पड़ गए इसके बाद जो हाथ कागज उद्योग किसी तरह से चलते रहे उन्होंने प्राइवेट मार्केट में अपनी पैठ बनाई तथा कालपी के हाथ कागज उद्योग को प्राइवेट मार्केट में उतारा वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2008 तक कालपी के हाथ कागजों की प्राइवेट मार्केट में अच्छी खासी डिमांड रही लेकिन चाइना से बने कागज के मार्केट में आ जाने के बाद कालपी के कागज की मांग कम हो गई कालपी में बनने वाले कागज की लागत ज्यादा आने की वजह से चाइना से आने वाला कागज सस्ते रेट में उपलब्ध कराया गया जिससे कालपी के हाथ कागज उद्योग पर संकट गहरा गया तब से कालपी में बने हाथ कागज पर फिर से बिक्री की समस्या उत्पन्न हो गई।