प्रधान सचिव का फोन सिर्फ बजता ही रहा
आदित्य प्रताप सिंह राव की रिपोर्ट
बख्शी का तालाब- लखनऊ बीकेटी की ग्राम पंचायत मंडौली की गौशाला में मौके पर सडा-गला भूसा, हरा चारा की व्यवस्था और ना तो दवाई की व्यवस्था होने के कारण तड़प- तड़प कर मर रहे बेजुबान पशु को स्थानीय पत्रकारों ने मौके पर जाकर देखा की पशु डॉक्टर तो इलाज के नाम पर खिलवाड़ करते दिखाई दे रहे हैं। केवल खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं। वहीं अगल बगल के ग्रामीणों सूत्रों से कुछ जानकारियां मिली की ग्रामीण जवाब ग्रामीणों का यही मिलता है कि यहां तो हरे चारे की न तो व्यवस्था सड़ा गला भूसा वही जानवरों को परोसा जा रहा है। जिससे खाकर जानवर होते हैं बीमार वहां पर किसी के मौजूद न होने के कारण उन्हें कौवे नोचते हुए दिखाई पड़ते है गौशाला के अंदर गायें सडतीं हुई दिखाई पड़ी। जिसको कौवे नोच मौज कर खा रहे हैं ऐसा ही हाल है मंडौली गौशाला का अभी हाल ही में कुछ दिन पूर्व चार गायें मौत के मुंह में चली गई। डॉक्टरों ने बड़ी ही लापरवाही की जिसके कारण मौत हो गई थी। वही पुनः आज रात मे दो गायों की मौत हो गयी थी जिसको आनन-फानन में 10:00 बजे तक ठेलिया पर लादकर कहीं सुनसान जंगल में फेकवा दिया गया। लेकिन डॉक्टर मौजूद नहीं मिले। मौके पर पशु डॉक्टर के के उपाध्याय आदि को कई बार फोन लगाकर सूचना दी गई तो उन्होंने बताया कि सुबह हम गए थे जब ऐसी कोई बात नहीं थी हो सकता हो हमसे गौशाला सेवक हमसे छुपा लिया हो। लेकिन जब मौके पर मौजूद गौशाला सेवक चक्रवील उर्फ़ कल्लू यादव ने बताया कि या घटना सत्य है। जानवर अलग-अलग कर दो मरे है, इसकी सूचना प्रधान सचिव को दे दी गई है। तड़प तड़प कर बेजुबान पशु मर रहे गौशाला में इनकी जानकारी स्थानीय मीडिया कर्मियों को भी लग चुकी है। वही मीडिया कर्मियों के सामने फूट-फूट कर रोने लगा और रोते हुए अपनी दुख भरी कहानी पत्रकारों को बयां की गौशाला सेवक चक्रवीर उर्फ कल्लू यादव नें साहब नौ माह से मजदूरी भी नहीं मिली है। हम अपने परिवार का खाना खर्चा कैसे वाहन कर पाएंगे इससे आपको अंदाजा लग चुका होगा कि जब नौ माह से हमारी मजबूरी नहीं मिली है” तो गौशाला के बारे में हम कुछ भी नहीं कह सकते हैं इससे आपको अंदाजा लग चुका होगा कि गौशाला के अंदर गायों की क्या दुर्दशा होती होगी।