संदीप कुमार की रिपोर्ट
टिकैतनगर,बाराबंकी संपत्ति के लालच में श्रावस्ती निवासी एक कलयुगी भाई और भाभी ने युवती को लखनऊ में इलाज के बहाने लाकर सरयू नदी में फेंक दिया। युवती रात भर सरयू की उफनाती लहरों के बीच जिंदगी की जंग लड़ती करीब 15 किलोमीटर बहती रही। सुबह शौच के लिए जा रहे तीन ग्रामीणों ने जब युवती की गुहार सुनी तो नाव की मदद से कड़ी मशक्कत कर युवती की जान बचायी। युवती की आपबीती सुनने के बाद ग्रामीणो ने युवती को पुलिस के सुपुर्द कर दिया। अब पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है।
श्रावस्ती जिले में भिनगा कोतवाली क्षेत्र के लक्ष्मणपुर ईटवरिया गांव की निवासी गुनफ्शां ने बताया कि कंधे में दर्द का ईलाज कराने शुक्रवार को भाई भाभी के साथ लखनऊ जाने के लिए निकली थी। रास्ते मे बाराबंकी के रामनगर थाना क्षेत्र के गनेशपुर पुल पर गाड़ी का टायर पंचर बता कर गाड़ी से नीचे उतार दिया और कहा कि हवा खा लो, इसके बाद नदी में फेंक कर भाई और भाभी ड्राइवर के साथ भाग गए।
संपत्ति के लालच में भाई-भाभी बने बहन की जान के दुश्मन
गुलाफ्शां ने ग्रामीणों को बताया कि हमारे माता-पिता की 5 साल पहले मौत हो चुकी है। हम चार बहनें हैं जिनमें मेरी बड़ी दो बहनों की शादी 7 वर्ष पहले हो चुकी है। मैं और मेरी छोटी बहन के नाम पिता ने 3 बीघा जमीन शादी के लिए दी थी जिसको हथियाने के लिए भाई जान का दुश्मन बना हुआ है। मेरी शादी भी तय हो चुकी है। पीड़िता ने बताया की साथ आई छोटी बहन को भाई ने किसी दूसरे के साथ लखनऊ भेज दिया था और वहीं मिलने को बोला था।जाको राखे साइया मार सके न कोई सरयू की उफनाती लहरों में करीब 15 किलोमीटर बहकर रामनगर से टिकैतनगर के तेलवारी गांव तक पहुची युवती की जान बचाने वाले ग्रामीण रंजीत चौहान, अरविंद और राम विलास यादव ने बताया कि सुबह करीब 6 बजे हम लोग खेत की ओर जा रहे थे, तो चिल्लाने की आवाज़ सुनाई पड़ी। तब हम लोगों ने देखा कि एक लड़की नदी के पानी मे बचाव-बचाव की आवाज लगा रही थी तत्काल हम लोगों ने नदी में नाव लगा कर लड़की को नदी के पानी से बचाया और पुलिस को सूचना दी।