उत्तर प्रदेश : किसानों की समस्याओं का समाधान होता नज़र नही आ रहा है शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी केन्द्र का जायजा लीजिए तो मालूम होगा कि केन्द्र पर यूरिया नदारद है । शहर के प्रेमनगर स्थित डीसीडीएफ केन्द्र पर किसान डीएपी खरीद रहे थे। यहां पर मौजूद केन्द्र प्रभारी रामपाल यादव ने बताया कि उनके पास लगभग पिछले 15 दिनों से यूरिया नही है। रैक आने पर ही उनके केन्द्र पर यूरिया उपलब्ध हो पाएगी। इस समय केन्द्र पर डीएपी का स्टॉक है, जो किसानों को वितरित की जा रही है। उन्होंने बताया कि उनके पास बुधवार दोपहर का स्टॉक 360 बोरी डीएपी का है।
कुतुबनगर। विकास खण्ड मिश्रिख के कुतुबनगर पीसीएफ केन्द्र में जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आई है। किसानों का आरोप निर्धारित मूल्य से अधिक बिक्री किये जाने का है। पीसीएफ केन्द्र पर रमुवापुर निवासी गुड्डू सिंह और गड़ासा गांव के किसान शंकर मिले। इनका आरोप जिम्मेदारों पर था। इनका आरोप डीएपी की 1200 रुपये की बोरी को अधिक मूल्यों पर बेचने का था। किसानों का कहना हैं कि केन्द्र पर मौजूद लोगों के कारण दुश्वारियां हो रही है। हालांकि बढ़ते विवाद के बीच केन्द्र प्रभारी बीच का रास्ता निकालते हुए बचाव में उतर आए, उन्होंने दावे के रूप में बोरी 1200 रुपये में ही बिक्री की बात करते हुए आरोपों पर विराम लगाया। किसान उमाशंकर कहते हैं कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो शासन की ओर से दी जा रही राहत पर असर पड़ेगा।
मछरेहटा। मछरेहटा कस्बे में समिति संचालकों के पास यूरिया तो है लेकिन डीएपी के लाले हैं। किसान संतोष कहते हैं कि किल्लत झेल रहे किसानों को बुआई के समय डीएपी नही मिल पा रही है। ऐसे में समिति संचालकों ने ने भी हाथ खड़े कर दिये हैं। मिश्रापुर केसरा निवासी श्रीकेशन कहते हैं कि इन दिनों किसानों को गन्ना बोआई से लेकर सरसों और आलू की बुआई करने काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बताते हैं कि उन्हें तीन बीघा गन्ना की बुआई करनी है, लेकिन जब भी समिति केन्द्र पर जाते हैं तो डीएपी की किल्लत का हवाला देकर संचालक हाथ खड़े कर देते हैं। ऐसे में किसानों को दुश्वारियों को सामना करना पड़ता है। बुधवार को भी ऐसी ही स्थिति समिति द्वारा संचालित केन्द्र पर देखने को मिली।
खाद लेने के लिए लग रही हैं लम्बी कतारें
बिसवां। एक ओर बाढ़ की मार तो दूसरी ओर खाद का संकट। बिसवां तहसील क्षेत्र के किसानों को इन दिनों तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार दोपहर इफ्को विक्रय केन्द्र पर खाद का वितरण होता हुआ मिला लेकिन खाद लेने वाले किसानों की लम्बी कतारें देखने को मिली। धूप की तपिश के बीच नोंकझोक भी होती हुई दिखी। इफ्को केंद्र प्रभारी बताते हैं कि खाद का कोई संकट नहीं है। किसानों के लिए पर्याप्त खाद की उपलब्धता है।
सीतापुर। लहरपुर, बिसवां और महमूदाबाद तहसील क्षेत्र इन दिनों बाढ़ से प्रभावित हैं। फसलें जलमग्न हो चली हैं। कुछ स्थान ऐसे भी हैं, जहां खड़ी फसल भी सड़ रही हैं। यहां कम ही लोगों की फसलें बची हैं। लहरपुर तहसील क्षेत्र के कम्हरिया शेखपुर निवासी किसान मथुरा प्रसाद अवस्थी बताते हैं कि कटान और बाढ़ के बाद बची हुई फसल बचा चुके किसानों को खाद की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। समितियों का संचालन बंद होने से इलाके के किसानों के हालात खासे खस्ता हैं।
मिश्रिख। आगामी रबी फसल की बुवाई के मद्देनजर शासन-प्रशासन द्वारा किसानों की खरीद के लिए क्षेत्र की सरकारी, सहकारी, प्राइवेट खाद बिक्री केन्द्रों पर डीएपी, एनपीके, पोटास, यूरिया आदि खादे उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं। ये दावा एडीओ सहकारिता ने किया है। ब्लाक के एडीओ सहकारिता मयंक बाजपेई ने बताया कि रबी फसल की बुआई के लिए ब्लाक क्षेत्र के सभी सरकारी खाद बिक्री केन्द्रों पर डीएपी उर्वरक निर्धारित मूल्य पर बिक्री के लिए स्टाक में मौजूद है।