प्रधान संपादक की रिपोर्ट
मैनपुरी-यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर वोटिंग के बाद भाजपा और सपा ने अपनी-अपनी जीत का दावा ठोका है. वोटिंग के बाद सपा-भाजपा बूथों पर पड़े वोटों का हिसाब किताब लगाने में जुट हैं. वहीं, अब 8 दिसंबर को वोटों की गिनती के बाद ही पता चलेगा कि ‘जनता ने कमल का साथ दिया है या साइकिल की सवारी की है।
मगर इस बीच शिवपाल सिंह यादव की चर्चा काफी हो रही है. दरअसल, इस उपचुनाव से पहले शिवपाल और सपा चीफ अखिलेश यादव के बीच राजनीतिक दूरियां थीं. लेकिन मुलायम सिंह के निधन के बाद ये दूरियां खत्म हो गईं. इसी के चलते शिवपाल अपनी बहू डिंपल के समर्थन में उतर आए और उन्होंने जमकर प्रचार किया।
चाचा साबित होंगे तुरुप का इक्का
ऐसा कहा जा रहा है कि अगर डिंपल उपचुनाव जीतती हैं, तो शिवपाल तुरुप का इक्का बनकर उभरेंगे. चर्चा है कि मैनपुरी की सभी विधानसभाओं में जसवंत नगर ही समाजवादी पार्टी को सबसे ज्यादा बढ़त दे सकता है. आपको बता दें कि करहल अखिलेश यादव की विधानसभा है, तो जसवंतनगर शिवपाल यादव की. ऐसे में इन दोनों की निर्णायक लीड ही डिंपल की जीत तय करेगी, लेकिन बीजेपी ने जिस तरीके से वोटों पर अपनी नजरें लगाईं हुई हैं, इससे सपा खेमे में थोड़ी बेचैनी बढ़ी है।
वहीं, मैनपुरी में बीजेपी का आकलन दलित वोटों पर टिका है. बीजेपी का आकलन है कि समाजवादी पार्टी को यादव वोट, मुस्लिम वोट और थोड़े-थोड़े वोट सभी जातियों में मिलेंगे. जबकि बीजेपी को शाक्य, सैनी सहित सभी ओबीसी के वोटों का बड़ा-बड़ा हिस्सा मिल सकता है. बीजेपी के अनुसार, दलितों में जाटव वोट उन्हें चुपचाप बड़ी तादाद में मिले हैं, जो साइलेंट वोटर माने जाते हैं. बीजेपी का मानना है कि सवर्णों ने उन्हें बड़ी तादाद में वोट दिया है।
हालांकि बीजेपी यह भी कह रही है कि यह कांटे का चुनाव है और वह बहुत थोड़े अंतर से यह सीट जीतेगी. जबकि समाजवादी पार्टी का दावा है कि मुलायम सिंह यादव से भी ज्यादा वोटों के अंतर से डिंपल यादव जीतेंगी।
अखिलेश ‘चाचा’ शिवपाल को दे सकते हैं ये गिफ्ट
लखनऊ की हवाओं में इस बात की चर्चा तेज है कि अगर डिंपल यादव मैनपुरी उपचुनाव जीतती हैं, तो अखिलेश यादव विधानसभा में शिवपाल यादव को नेता विपक्ष बना सकते हैं. शिवपाल को नेता विपक्ष बनाने की वजह यह बताई जा रही कि उन्होंने मैनपुरी उपचुनाव में जमकर मेहनत की है. हालांकि ये अभी बस कयासबाजी है, इसकी कहीं से पुष्टि नहीं हुई है।