कमलेश चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ-राजधानी में षड्यंत्र के तहत सरकारी भूमि किस तरीके से दबंगों को कब्जा कराया जा रहा। उसकी आप कल्पना नही कर सकते।
मामला सरोजिनी नगर क्षेत्र ग्राम बेहटवा जिला लखनऊ का सामने आया है।
मामला नगर निगम की भूमि पर अवैध हो रहे कब्जे को लेकर तहसीलदार सरोजिनी नगर लखनऊ के द्वारा आदेश दिनांक 12/05/2021 के संदर्भ में पत्रांक संख्या 47 उल्लेख किया गया की खसरा संख्या 288 क एवं 288खा लखनऊ नगर निगम में निहित भूमि पर किए जा रहे अवैध कब्जे को लेकर उल्लेख किया था
जिसमें एसडीएम महोदय द्वारा स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है ई खसरा संख्या 288 का क्षेत्रफल 0.0710 हेक्टेयर एवं खसरा संख्या 288 क्षेत्रफल 0.0670 हेक्टेयर राजस्व अभिलेखों में क्रमशः बंजर एवं रास्ता दर्ज है जो नगर निगम लखनऊ में निहित संपत्ति है नगर निगम में निहित भूमि के जुज भाग लगभग 3000 वर्ग फुट भूमि पर देश दीपक पुत्र रामपाल निवासी ग्राम अनोरा द्वारा अवैध निर्माण कराया जा रहा है और एसडीएम महोदय ने उपरोक्त अवैध कब्जे को रिक्वायर जाने हेतु पूर्व में भी पत्र संख्या बी 1659/का0त0/21 दिनांक 02/03/2021 प्रेषितकिया जा चुका है परंतु अवैध कब्जा निरंतर हो रहा है उक्त अवैध कब्जा रुकवाया जाना नितांत आवश्यक है जिसमें एसडीएम महोदय स्वयं निर्देश देते हुए उक्त नगर निगम भूमि पर किए जा रहे अवैध कब्जे को तत्काल प्रभाव से रुकवा ना चाहते थे।
लेकिन सरकारी अधिकारियों के द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर जरा भी गंभीर नहीं हुए और लगातार ग्राम पंचायत बेहटा बा मैं पेट्रोल पंप का कार्य लगातार जारी है लेकिन पत्रकारों के द्वारा जब अपर नगर आयुक्त सविता शुक्ला से बातचीत के दौरान हो रहे अवैध भूमि पर कब्जे को लेकर बात की तो अपर नगर आयुक्त सविता शुक्ला जी ने कहा कि मेरे द्वारा नगर निगम की टीम कब्जे को रुकवाने गई तो पुलिस प्रशासन मेरा साथ नहीं दिया जिसके उपरांत उन्होंने स्पष्ट पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया उन्होंने कहा कि आप डीएम साहब से बात करें जब पत्रकारों ने एसडीएम सरोजिनी नगर से बात की तो उन्होंने जांच के नाम पर अपना पल्ला झाड़ लिया थाना अध्यक्ष महोदय सरोजनी नगर से बातचीत के दौरान पत्रकारों से कहा कि पहले आप नगर निगम की टीम को लेकर आइए उसके बाद हम कब्जा रुकवा सकते हैं
सरकारी अधिकारियों की खामिया किसी से छुपी नहीं है उत्तर प्रदेश सरकार मैं बैठे उच्च पदों पर अधिकारी अपनी मनमानी के चलते सरकारी भूमियों पर किस तरीके से दबंग लोगों को जमीन मुहैया कराने में जुटे हुए हैं यह कोई नई बात नहीं है कोई अधिकारी के पास किसी भी प्रकार की समस्याओं को अवगत कराया जाता है तो जांच के नाम पर कार्यवाही करने का भरोसा देते हैं लेकिन अधिकारियों की कार्यवाही कागजों में चलती रहती है लेकिन जमीनी स्तर पर भू माफियाओं को जमीन उपलब्ध कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते अब देखना होगा की बेहटवा ग्राम मैं बन रहे पेट्रोल पंप को यह अधिकारी रुकवाने में सक्षम होते हैं या फिर जांच के नाम पर ठीकरा फोड़ते हैं फिलहाल पेट्रोल पंप का कार्य लगातार जारी है।