मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
शाहाबाद, सवायजपुर क्षेत्र में स्थानीय जेई के संरक्षण में देते थे चोरी की घटनाओं को अंजाम
हरदोई: ट्रांसफार्मर व विद्युत तार चोरी करने वाले गैंग के एक सदस्य की करंट लगने से हुई मौत के बाद कई ऐसे चेहरे बेनक़ाब हुए हैं जो विद्युत विभाग से जुड़े हुए हैं। मतलब साफ है कि बिजली विभाग के जेई, स्टोर व वर्कशॉप से जुड़े संविदाकर्मियों की मिलीभगत से चोरी की घटना को अंजाम दिया जा रहा था। हालांकि पुलिस ने अपने #खुलासे में इस बात को छुपाए रखा, किंतु द टेलीकास्ट को इससे जुड़े कई तथ्य मिले हैं।
आपको बता दें कि लोनार थानाक्षेत्र में कुछ दिन पूर्व नहर के किनारे बाइक के साथ एक युवक का अधजला शव मिला था। पुलिस के अनुसार ट्रांसफार्मर व विद्युत तार चोरी करते समय प्रकाशचंद्र उर्फ पुनीत की मौत हुई थी, मृतक रामापुर रहोलिया थाना बेहटागोकुल निवासी था। घटना को छुपाने के लिए उसके भाई शिवशंकर व उसके 07 अन्य साथियों ने लोनार थाना क्षेत्र में शारदा नहर पुल किनारे पटरी पर शव डाल दिया था। पुलिस की पूंछतांछ में मृतक के भाई ने पूरी कहानी बयां की। उसने बताया कि अपने साथियों के साथ मिलकर विद्युत विभाग के तार व ट्रांसफार्मर चोरी का काम करते थे। चोरी के वक्त ही करंट लगने से प्रकाश चंद्र की मौत हो गयी।
गिरोह के सदस्यों को निशानदेही पर पुलिस ने 02 ट्रांसफार्मर 25 केवीए, एक बंडल तार वजनी 54.350 किग्रा, एक बंडल तार मय इन्सुलेटर वजनी 25.500किग्रा, एक वाहन UP30AT 8657 डाला बरामद किया गया। द टेलीकास्ट की पड़ताल में पता चला कि पुलिस की एसओजी टीम ने घटनाक्रम की तहकीकात के दौरान विद्युत विभाग के सांडी रोड स्थित स्टोर ऑपरेटर व वर्कशॉप ऑपरेटर को हिरासत में लेकर पूंछतांछ की। जिसके बाद क्या हुआ पुलिस की ओर से कुछ नही बताया गया। सूत्रों के अनुसार वर्कशॉप व स्टोर में कार्यरत जेई व स्टोर ऑपरेटर व वर्कशॉप ऑपरेटर की मिलीभगत से चोरों के उक्त गैंग से ट्रांसफार्मर चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता था।
विभागीय संरक्षण के चलते इस तरहं लंबे अरसे से काम चल रहा था। सूत्रों की मानें तो ट्रांसफार्मर के तेल व कॉपर को बेंचकर जेबें भरी जा रही थीं, उक्त चोरों से शाहाबाद विद्युत वितरण खंड के अंतर्गत आने वाले #पाली व सवायजपुर विद्युत उपकेंद्रों के जेई की संलिप्तता की बात कही जा रही है, क्योंकि उक्त चोर इसी एरिया में घटनाओं को अंजाम देते थे। लोनार कोतवाली पुलिस ने घटना का खुलासा कर गिरोह में शामिल आठों अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है। अब सवाल ये उठता है कि विभाग में बैठे मास्टरमाइंड पर कार्यवाही क्यों नही की गई? जाहिर है ये मास्टरमाइंड अब एक नए गैंग की स्थापना करेंगे और जनता व सरकार को चूना लगाएंगे।