मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
हरदोई -पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर लगने वाली भीड़ बताती है कि जनता को पुलिस अधीक्षक पर विश्वास है कि अगर बात उनके कानों तक जाएगी तो न्याय मिलेगा लेकिन मल्लावा पुलिस अपने ही पुलिस अधीक्षक की बेहतरीन कार्यशैली पर बट्टा लगाने पर तुली है क्या पुलिस जनता की नहीं है क्या पूर्व बीजेपी सांसद की कोई अहमियत नहीं
अक्सर आये दिन देखने को मिलता है कि सत्ता के संरक्षण के चलते पीड़ित को न्याय नही मिल रहा है लेकिन आज का जो प्रकरण है उसमें सत्ता पक्ष के भाजपा के नामित सदस्य को ही न्याय नही मिल पा रहा है जो हरदोई के समस्त भाजपाइयों के लिए शर्म की बात है
दरअसल अनूप कुमार निवासी थाना मल्लावा जनपद हरदोई की नाबालिक पुत्री को आशीष यादव निवासी कटरा गंगा रामपुर हरदोई बहला फुसला कर अपने साथ भगा ले गया।
अनूप कुमार ने इस प्रकरण की जानकारी मल्लावा पुलिस को दी तो मल्लावा पुलिस ने आशीष यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली लेकिन न अभियुक्त की गिरफ्तारी हुई और न ही लड़कीं को बरामद किया गया।
जब इस बारे में अनूप कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मल्लावा पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन हाथ पर हाथ धरे बैठी है जब कि भाजपा के विधायक आशीष सिंह आशु व पूर्व सांसद अंजू बाला जी तक मल्लावा थाने के थानाध्यक्ष को फोन कर चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नही हो सकी है।
तत्पश्चात पीड़ित पिता व मा न्यायप्रिय पुलिस अधीक्षक से तक न्याय के लिए गोहार लगा चुके है लेकिन पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद भी कोई कार्यवाही नही हो सकी है व मल्लावा पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। शायद पुलिस की इसी उदासीनता के चलते हर साल पता नही कितनी लडकिया जिस्मफरोशी के बाजार में समाज के अराजक तत्त्वों के द्वारा उतार दी जाती है और गुमनामी के अंधेरे में खो जाती है।
क्या नाबालिक बेटी की पुलिस बरामदगी करेगी या समय के साथ इस प्रकरण को बंद कर दिया जाएगा और एक पिता और माँ हमेशा हमेशा के लिए अपनी बेटी को याद करते हुए रोते रहेंगे